Thursday, October 16, 2025
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अथक परिश्रम का सर्वोत्तम उदाहरण हैं अवनि लेखरा, परीक्षा चर्चा में छात्रों के लिए सफलता का मंत्र

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आज 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में परीक्षा पर चर्चा की। पीएम मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत करने के लिए कई मशहूर हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें अवनि लेखरा भी शामिल थीं। बोर्ड परीक्षाओं से पहले, अवनि ने 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को तनाव दूर करने और अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए कुछ टिप्स बताए। आइये जानें कौन हैं अवनि लेखरा।

 

अवनि लेखरा 22 वर्ष की आयु में दो पैरालम्पिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं।

अवनि लेखरा 22 वर्ष की आयु में दो पैरालम्पिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं। उन्होंने टोक्यो पैरालिम्पिक्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में 249.6 बार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता। जब अवनि 11 वर्ष की थी, तो एक कार दुर्घटना के बाद उसकी कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। इसके बावजूद अवनि ने अपनी कठिनाइयों का सामना किया और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ीं। 2021 टोक्यो पैरालिंपिक में, उन्होंने पदक जीतकर निशानेबाजी वर्ग में भारत की पहली महिला निशानेबाज बनकर इतिहास रच दिया।

पहले तीरंदाजी और फिर निशानेबाजी…

2012 में एक सड़क दुर्घटना के बाद वह व्हीलचेयर पर निर्भर हो गईं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकें। हार न मानने वाली अवनि ने तीरंदाजी शुरू की और फिर 2015 में निशानेबाजी भी शुरू कर दी। उन्हें यह प्रेरणा भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा से मिली।

अवनि ने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है।

अवनि केन्द्रीय विद्यालय 3 (जयपुर) की छात्रा थी, जहां उसने क्षेत्रीय शूटिंग मैच में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। निशानेबाजी में, SH1 श्रेणी में वे निशानेबाज शामिल हैं जिनकी भुजाओं, धड़ के निचले हिस्से, पैरों की गतिशीलता प्रभावित है, या जिनकी भुजाओं या पैरों में कोई विकृति है। खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें वर्ष 2021 में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जो भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है।

अपनी कड़ी मेहनत और विशेष प्रतिभा से अवनि ने जल्द ही सफलता हासिल की और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई जीत दर्ज कीं। उन्होंने जूनियर और सीनियर दोनों स्तरों पर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए और पैरा शूटिंग में स्टार बन गईं। खेल के अलावा अवनि अपनी पढ़ाई भी पूरी कर रही हैं। वह राजस्थान विश्वविद्यालय में पांच वर्षीय लॉ डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई कर रही हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने की इच्छा को दर्शाता है।

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