कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ठगी से जुड़े हत्या के एक मामले में दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को कम करके बिना किसी छूट के 40 साल तक के कारावास में बदल दिया।
दोषी व्यक्ति पर आरोप था कि उसने बेटी के इलाज का झूठा वादा करके एक महिला से एक लाख रुपये ठगे और जब इसका खुलासा हुआ तो दोनों की हत्या कर दी।
सुनील दास उर्फ गुरुदेव नामक व्यक्ति ने यज्ञ करने के नाम पर 83,000 रुपये लिए लेकिन वह लड़की को ठीक नहीं कर पाया जो आग में झुलस गई थी।
अगस्त 2023 में बीरभूम जिले के रामपुरहाट सत्र न्यायालय ने दास को बलात्कार, हत्या और सबूतों को गायब करने का दोषी पाया था।
निचली अदालत ने उसे 17 मई 2020 को दो महिलाओं की हत्या करने के लिए मौत की सजा, बेटी से बलात्कार के लिए आजीवन कारावास और सबूतों को गायब करने के लिए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने उसे बलात्कार के मामले में दोषी नहीं पाया जिसके लिए निचली अदालत ने उसे दोषी ठहराया था।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने 18 सितंबर को अपने फैसले में हत्या और साक्ष्यों को गायब करने के लिए दास की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए मृत्युदंड की सजा को बिना किसी छूट के 40 वर्ष के आजीवन कारावास में बदल दिया।
न्यायालय ने कहा कि यद्यपि यह एक जघन्य अपराध था लेकिन यह दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता और राज्य सरकार यह सिद्ध नहीं कर सकी कि दोषी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है।
अदालत ने कहा, हम इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे कि मृत्युदंड के अलावा कोई भी सजा अपर्याप्त होगी। ऐसी सजा की गुंजाइश पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।