Tuesday, August 26, 2025
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अन्नू, कुजूर, श्रीशंकर भारत की पहली विश्व महाद्वीपीय टूर प्रतियोगिता में उम्मीदों पर खरे उतरे

स्टार धावक अनिमेष कुजूर, अनुभवी भाला फेंक एथलीट अन्नू रानी और लंबी कूद के दिग्गज एथलीट मुरली श्रीशंकर ने रविवार को भारत की पहली विश्व एथलेटिक्स महाद्वीपीय टूर प्रतियोगिता में अपनी अपनी स्पर्धाओं में जीत हासिल कर उम्मीदों पर खरे उतरे।
विश्व एथलेटिक्स की कांस्य स्तर की यह प्रतियोगिता सुचारू रूप से चली, लेकिन इसमें वैश्विक दिग्गजों की भागीदारी काफी कम थी।
कुजूर का प्रदर्शन हालांकि नाटकीयता से भरा रहा।

22 वर्षीय इस एथलीट ने सुबह अपनी 100 मीटर की हीट रेस में कुछ कदम के बाद ही दौड़ना बंद कर दिया था।, वह आधे घंटे बाद अपनी 200 मीटर की हीट रेस में दौड़े और 20.99 सेकंड के समय के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
उन्होंने शाम के सत्र में 200 मीटर फाइनल में 20.77 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता। कोरिया के को सेउंघवान (20.95 सेकंड) और एक अन्य भारतीय खिलाड़ी रागुल कुमार (21.17 सेकंड) ने तीसरा स्थान हासिल किया।

 कुजूर के नाम 100 मीटर (10.18 सेकंड) और 200 मीटर (20.32 सेकंड) दोनों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं।
श्रीशंकर का मुकाबला उभरते हुए किशोर शाहनवाज खान से था। खान ने फरवरी में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। 17 वर्षीय खान चौथे प्रयास में 8.04 मीटर की छलांग लगाकर शीर्ष पर थे, जबकि श्रीशंकर 7.95 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर थे।

26 साल के श्रीशंकर ने हालांकि अपने अंतिम प्रयास में 8.13 मीटर की छलांग लगाकर रोमांचक अंदाज में स्वर्ण पदक जीता। यह चोट के कारण लंबे समय से बाहर रहने के बाद वापसी पर उनका लगातार चौथा खिताब है।
वह हालांकि तोक्यो विश्व चैंपियनशिप के क्वालीफिकेशन मार्क  8.27 मीटर को हासिल करने में नाकाम रहे।
महिलाओं की भाला फेंक स्पर्धा में एशियाई खेलों की चैंपियन अन्नू रानी ने चौथे प्रयास में 62.01 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता।

इससे सितंबर में होने वाली तोक्यो विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाने की उनकी संभावना मजबूत हो गई।
वह 64 मीटर के स्वत: क्वालीफिकेशन से दूर है लेकिन ‘रोड टू तोक्यो’ सूची में 30 वें पायदान पर है। इसमें सूची में शीर्ष 36 स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं।
उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड 63.22 मीटर है। उन्होंने इसे 2022 में हासिल किया था।

कलिंगा स्टेडियम में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में भारतीय प्रतिभागियों द्वारा 80 मीटर का आंकड़ा मुश्किल से पार कर पाने से दर्शक निराश हुए।
श्रीलंका के रोमेश थरंगा पथिरागे ने 86.50 मीटर के अपने पहले प्रयास के साथ पुरुषों का भाला फेंक का स्वर्ण पदक जीता।  उन्होंने 85.50 मीटर के विश्व चैंपियनशिप के स्वत: क्वालीफिकेशन को भी पार कर लिया।

भारत के 20 वर्षीय शिवम लोहकरे ने 80.73 मीटर के साथ रजत पदक जीता। श्रीलंका के सुमेधा रणसिंघ 80.65 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

भारत के रोहित यादव (80.35 मीटर) और एशियाई चैंपियनशिप के रजत विजेता सचिन यादव (79.80 मीटर) क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
शैली सिंह ने 6.28 मीटर के औसत प्रदर्शन वाले छलांग के साथ महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा जीती।
भारतीय पुरुषों की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने श्रीलंका (3:08.22) के बाद दूसरे स्थान पर रहकर निराश किया। टी. संतोष कुमार, विशाल टी.के., अमोज जैकब और धर्मवीर चौधरी की भारतीय चौकड़ी ने तीन मिनट 08.37 सेकंड का समय लिया।

मलेशिया के मुहम्मद अजीम बिन ने 10.35 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ जीतकर मीट के सबसे तेज धावक का ख़िताब हासिल किया।
अभिषया राजराजन ने 11.57 सेकंड के समय के साथ महिलाओं की 100 मीटर फाइनल जीती।
इस एक दिवसीय प्रतियोगिता में 15 से अधिक देशों के 150 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसकी पुरस्कार राशि 25,000 डॉलर थी।

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