बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गुरुवार को मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में औपचारिक रूप से अभियोग लगाया गया। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने शेख हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप स्वीकार करते हुए उन पर अभियोग लगाया है। यह आरोप पिछले वर्ष एक बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह के संबंध में लगाया गया था जिसमें सैकड़ों छात्र मारे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल ने शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पांच आरोप लगाए।
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‘बीडीन्यूज24’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, मामून ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और मामले में सरकारी गवाह बनने के लिए याचिका दायर की है। खबर के मुताबिक, तीनों में से केवल मामून जेल में हैं। बाकी दो आरोपियों – हसीना और खान – की अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा। पिछले वर्ष अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद हसीना पांच अगस्त को भारत चली गई थीं। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में बांग्लादेशी अभियोजकों ने पिछले साल देश में हुए जन-विद्रोह के दौरान इस साल जून में शेख हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का औपचारिक आरोप लगाया था।
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बांग्लादेश के घरेलू अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोप लगाया था कि हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर “सुनियोजित हमला” किया था, जब रविवार को उनके खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ।