विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं और दोनों देशों के बीच साझेदारी ने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन नई दिल्ली को विश्वास है कि साझेदारी आगे बढ़ती रहेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और अमेरिका साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मज़बूत जन-जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है। हम उस ठोस एजेंडे पर केंद्रित हैं जिसके लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है और हमें विश्वास है कि ये रिश्ते आगे भी बढ़ते रहेंगे।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मज़बूत जन-जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है। हम उस ठोस एजेंडे पर केंद्रित हैं जिसके लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है और हमें विश्वास है कि यह रिश्ता आगे भी बढ़ता रहेगा। जायसवाल ने शुक्रवार को यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध मज़बूत बने हुए हैं और पिछले कुछ वर्षों में और मज़बूत हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि 21वीं सदी के लिए भारत-अमेरिका समझौते के तहत इस साझेदारी के और बढ़ने की संभावना है। जायसवाल ने कहा कि हमारी रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति पूरी तरह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं और रणनीतिक आकलन द्वारा निर्धारित होती है।
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हालांकि, उनकी यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा रूसी तेल और हथियारों की खरीद का हवाला देते हुए नई दिल्ली पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद, भारत ने F-35 लड़ाकू विमान खरीदने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इससे पहले, केंद्र ने लोकसभा को यह भी बताया कि भारत ने F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर अमेरिका के साथ कोई “औपचारिक चर्चा” नहीं की है।