Saturday, October 4, 2025
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अमेरिका में सरकारी शटडाउन का असर: नए वीज़ा और ग्रीन कार्ड आवेदनों पर रोक, मौजूदा प्रक्रियाएँ धीमी

अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन का सीधा असर देश में इमिग्रेशन और वीज़ा प्रक्रियाओं पर पड़ रहा है। हालांकि वे प्रक्रियाएँ जो आवेदन शुल्क से संचालित होती हैं, फिलहाल सामान्य रूप से जारी हैं, लेकिन नई फाइलिंग करने वाले आवेदकों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़ (USCIS) की प्रमुख सेवाएँ जैसे कि ग्रीन कार्ड, नागरिकता और वर्क परमिट सामान्य रूप से काम कर रही हैं, क्योंकि इनका संचालन शुल्क-आधारित है और कांग्रेस की फंडिंग पर इनका सीधा असर नहीं पड़ता। इसी तरह, अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास में पासपोर्ट और वीज़ा सेवाएँ भी शुल्क से चल रही हैं। निर्धारित अपॉइंटमेंट हो रहे हैं, लेकिन स्टाफ की कमी और प्रशासनिक रुकावटों के कारण प्रोसेसिंग की रफ्तार धीमी हो सकती है और संवाद में बाधाएँ बढ़ सकती हैं।

सबसे अधिक असर रोजगार-आधारित वीज़ा और ग्रीन कार्ड के नए आवेदन पर देखा जा रहा है। अमेरिकी श्रम विभाग ने लेबर कंडीशन एप्लीकेशन (LCA), PERM और प्रिवेलिंग वेज जैसी आवश्यक प्रक्रियाओं को रोक दिया है। ये कदम H-1B वीज़ा और रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड के लिए अनिवार्य होते हैं। फिलहाल उन आवेदनों को USCIS आगे बढ़ा रहा है जिनकी लेबर सर्टिफिकेशन पहले ही पूरी हो चुकी है, लेकिन नए आवेदन तब तक अटके रहेंगे जब तक फंडिंग बहाल नहीं होती।

H-1B वीज़ा और रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड भारतीय पेशेवरों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, इसलिए नई फाइलिंग पर रोक कई देशों के पेशेवरों को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा, E-Verify प्रणाली, जिसका उपयोग नियोक्ता कर्मचारियों की काम करने की पात्रता जांचने के लिए करते हैं, शटडाउन के दौरान बंद है। कंपनियों को अब मैनुअल प्रक्रिया अपनानी पड़ रही है, जिससे नियुक्तियों में देरी हो सकती है। कुछ विशेष कार्यक्रम जैसे Conrad 30 J-1 वीज़ा वेवर और धार्मिक कार्यकर्ता वीज़ा भी फिलहाल प्रभावित हो सकते हैं।

इमिग्रेशन कोर्ट की सुनवाई में भी बाधाएँ आई हैं। नजरबंद प्रवासियों से जुड़े मामलों की सुनवाई जारी है, लेकिन गैर-नजरबंद मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी गई है। इससे पहले भी शटडाउन के दौरान हजारों मामले लंबित हो चुके हैं, जिससे न्यायिक प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है।

जानकारों का कहना है कि जिन आवेदकों के पास पहले से अपॉइंटमेंट तय है, उनकी प्रक्रिया जारी रहेगी, हालांकि इसमें समय अधिक लग सकता है। वहीं, नए आवेदक या यात्रा की योजना बनाने वाले लोग आधिकारिक दूतावास चैनलों पर लगातार नज़र बनाए रखें और संभावित देरी के लिए तैयार रहें।

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