Thursday, February 6, 2025
spot_img
HomeUncategorizedअवैध अप्रवासियों को ढूंढने के लिए अमेरिकी गुरुद्वारे में पुलिस के पहुंचने...

अवैध अप्रवासियों को ढूंढने के लिए अमेरिकी गुरुद्वारे में पुलिस के पहुंचने से सिख नाराज

Image 2025 01 29t143342.771

वॉशिंगटन: अमेरिका में ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से देश में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को ढूंढ-ढूंढ कर उनके देश भेजा जा रहा है. ऐसे में अमेरिकी पुलिस ने भी अवैध अप्रवासियों की तलाश के लिए सिख गुरुद्वारों में जाना शुरू कर दिया है, जिसका कुछ सिख संगठनों ने विरोध किया है. उन्होंने इसे अपनी धार्मिक पवित्रता का उल्लंघन बताया.

 समाचार एजेंसियों का कहना है कि न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के कुछ गुरुद्वारों का इस्तेमाल सिख अलगाववादियों और अवैध अप्रवासियों को शरण देने के लिए किया जा रहा है।

अमेरिकी पुलिस (होमलैंड सिक्योरिटी) के प्रवक्ता ने कहा है कि अपराधी अब गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिकी स्कूलों और चर्चों में छिप नहीं सकेंगे. ट्रम्प प्रशासन अपने बहादुर कानून प्रवर्तन अधिकारियों के हाथ नहीं बांधेगा, बल्कि उनके कार्यों पर भरोसा करेगा। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एजुकेशन फंड ने उन दिशानिर्देशों पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की, जिसमें पूजा स्थलों जैसे संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया गया है। बिडेन के प्रशासन के दौरान इन स्थानों पर उनका संचालन प्रतिबंधित था। 

अब जब ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की नीतियों को खारिज कर दिया है तो अमेरिकी पुलिस अधिकारियों ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के गुरुद्वारों में जाना शुरू कर दिया है. संगठन की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा, “संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा खत्म करने और फिर गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों को निशाना बनाने के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के फैसले से हम बेहद चिंतित हैं।” 

गिल ने कहा कि गुरुद्वारा सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि एक प्रमुख सामुदायिक केंद्र है। यहां सिखों और व्यापक समुदाय को पोषण और आध्यात्मिक सांत्वना दी जाती है। इन स्थानों को कानूनी कार्रवाई का निशाना बनाने से हमारी आस्था की पवित्रता को खतरा है। इससे पूरे अमेरिका में प्रवासियों के लिए एक चिंताजनक संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि सिख आस्था और परंपरा के लिए यह स्वीकार्य नहीं है कि हमारे गुरुद्वारे सरकारी निगरानी और वारंट रहित छापे के अधीन हैं। इससे सिखों की संगठित होने और संलग्न होने की क्षमता प्रभावित होगी। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments