वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के आंकड़ों का हवाला देते हुए रविवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के राजकोषीय संकेतक अर्थव्यवस्था में “सुस्ती” दर्शाते हैं।
रेड्डी ने कहा कि कैग की ओर से जारी पहली छमाही के आंकड़े वास्तविक स्थिति को उजागर करते हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “राज्य का अपना कर राजस्व पहली छमाही में साल-दर-साल केवल 7.03 प्रतिशत बढ़ा, जबकि संयुक्त जीएसटी और बिक्री कर राजस्व में केवल 2.85 फीसदी की वृद्धि हुई।”
रेड्डी ने लिखा कि ये आंकड़े तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन के इस आश्वासन के विपरीत हैं कि उसके शासन में सरकारी राजस्व में तेजी से वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि 2023-24 से 2025-26 तक की दो साल की अवधि में राज्य के अपने कर राजस्व की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) केवल 2.75 प्रतिशत है, जो सरकार की ओर से अनुमानित राजकोषीय प्रदर्शन से कहीं कम है।

