प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गए हैं । वे फ्रांस में एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे, जिसके बाद वे अमेरिका की यात्रा करेंगे। वह 12 फरवरी को वॉशिंगटन पहुंचेंगे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस बीच पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच मुलाकात की भी चर्चाएं हैं, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों के बीच मुलाकात की चर्चाएं हैं। मोदी ने 2015 में कैलिफोर्निया में टेस्ला की फैक्ट्री का दौरा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी-ट्रंप मुलाकात के दौरान मस्क भी मौजूद रहेंगे या फिर अलग से बैठक होगी।
क्या अमेरिका को भारत से कर राहत की उम्मीद है?
पीएम मोदी 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचेंगे और 14 फरवरी को वहां से लौटेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ट्रंप ने सबसे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और अब पीएम मोदी और ट्रंप के बीच मुलाकात होने वाली है। ट्रम्प के एजेंडे के अनुसार, गाजा उनकी प्राथमिकता है। ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है, इसलिए अमेरिका भारत को एक प्रमुख सहयोगी के रूप में देख रहा है। कहा जा रहा है कि अगर भारत कुछ वस्तुओं पर कर में राहत देता है तो ट्रंप भी नरम रुख अपना सकते हैं।
मोदी और ट्रंप के बीच अच्छी दोस्ती
ट्रंप और पीएम मोदी के बीच उनके पहले कार्यकाल के दौरान अच्छी दोस्ती थी और अब दोनों फिर से मिलने वाले हैं। हाल ही में अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को वापस भेजकर सैन्य विमान से भारत भेजा था, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी। अमेरिका ने निर्वासित लोगों को अवैध अप्रवासी बताया और कहा कि वे बिना किसी सबूत के अमेरिका में रह रहे थे। इतना ही नहीं, अमेरिका अपने यहां अवैध रूप से रह रहे 600 से अधिक भारतीय पर्यटकों को भी वापस भेजने की योजना बना रहा है।
मोदी-ट्रम्प के बीच कुछ मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना
प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक में व्यापार, निवेश और ऊर्जा मुद्दों पर समझौता हो सकता है। इसके अलावा संयुक्त वक्तव्य में कुछ अन्य मामले भी आ सकते हैं, जिनमें भू-रणनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। भारत पहले ही अमेरिका में निर्मित रक्षा हार्डवेयर खरीदने पर सहमत हो चुका है। यात्रा के दौरान भारत ने कुछ अन्य उत्पादों पर भी टैरिफ राहत प्रदान की। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण चीन ने अमेरिकी तेल और गैस पर टैक्स 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है, ऐसे में भारत अमेरिका को तेल और गैस में राहत दे सकता है। भारत को ऊर्जा आपूर्ति करने वाले देशों में अमेरिका पांचवें स्थान पर है।