प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 60,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली केंद्र प्रायोजित योजना, उन्नत आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन (पीएम-सेतु) का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत देश भर के 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में उन्नत किया जाएगा, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे। प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिससे उन्नत बुनियादी ढाँचे, आधुनिक ट्रेडों, डिजिटल शिक्षण प्रणालियों और इनक्यूबेशन सुविधाओं से सुसज्जित क्लस्टर बनेंगे।
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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले हमारी सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए बड़े पैमाने पर दीक्षांत समारोहों की एक नई परंपरा शुरू की थी। आज हम सभी इस परंपरा में एक और मील का पत्थर देख रहे हैं। मैं भारत के कोने-कोने से आए सभी युवा आईटीआई साथियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। आज का यह समारोह भारत में कौशल को दिए जाने वाले महत्व का प्रतीक है। आज देश भर के युवाओं के लिए दो और बड़ी शिक्षा एवं कौशल विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है।
मोदी ने कहा कि आज का समारोह इस बात का प्रतीक है कि आज का भारत कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों को लिए शिक्षा और कौशल विकास की दो और बड़ी योजनाएं लांच हुई हैं। इस convocation के पीछे का विचार यही था कि जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे, हुनर के लिए जो लोग काम करते हैं, जिनमें सामर्थ्य है, उनका सार्वजनिक जीवन में सम्मान नहीं होगा तो शायद वो अपने आप को कम महसूस करेगा।
एंकर उद्योग भागीदार इन क्लस्टरों का प्रबंधन करेंगे और बाजार की माँग के अनुरूप परिणाम-आधारित कौशल विकास सुनिश्चित करेंगे। हब में नवाचार केंद्र, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की सुविधाएँ, उत्पादन इकाइयाँ और प्लेसमेंट सेवाएँ भी होंगी, जबकि स्पोक पहुँच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। सपीएम-सेतु का उद्देश्य आईटीआई पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्परिभाषित करना है, इसे सरकारी स्वामित्व वाला लेकिन उद्योग-प्रबंधित बनाना है, और विश्व बैंक तथा एशियाई विकास बैंक से वैश्विक सह-वित्तपोषण सहायता प्राप्त करना है। योजना के कार्यान्वयन के पहले चरण में, पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया।
ये प्रयोगशालाएँ दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों सहित, आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप, इस परियोजना में उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने और रोज़गार के लिए एक प्रारंभिक आधार तैयार करने हेतु 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी शामिल है।
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बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की संशोधित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत हर साल लगभग पाँच लाख स्नातक युवाओं को दो साल तक 1,000 रुपये का मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने नए सिरे से डिज़ाइन की गई बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत 4 लाख रुपये तक का पूरी तरह से ब्याज-मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा का वित्तीय बोझ काफी कम होगा। इस योजना के तहत 3.92 लाख से ज़्यादा छात्र अब तक 7,880 करोड़ रुपये से ज़्यादा का ऋण ले चुके हैं।