प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिनचर्या को लेकर कई बार खबरें आती रहती हैं कि वो नियमित और संयमित लाइफस्टाइल जीते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही घंटों की नींद लेते हैं और काफी व्यस्त रहते है। प्रधानमंत्री के पद की जिम्मेदारी को देखते हुए और स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए वो बेहद अनुशासित लाइफस्टाइल का पालन करते है।
जानकारी के मुताबित बीते 50 वर्षों से ही पीएम मोदी एक खास दिनचर्या का पालन कर रहे है। अमेरिका स्थित एक पॉडकास्टर और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रीडमैन के साथ पीएम मोदी ने एक पॉडकास्ट किया है। इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपनी डाइट, उपवास के बारे में जानकारी दी है।
पीएम मोदी साल भर में कई तरह के उपवास करते है। हाल ही में किए गए इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने इसकी जानकारी दी है। पीएम मौदी ने बताया कि वो चातुर्मास के दौरान भारतीय परंपरा के मुताबिक ही उपवास करते हैं और नियमों का पालन करते हुए दिनचर्या जीते है। मॉनसून के दौरान पाचन कमजोर या धीमा हो जाता है। ऐसे में इस मौसम में कई लोग भारत में 24 घंटों में सिर्फ एक बार ही भोजन करते है। इस प्रक्रिया का पालन करने से पाचन अच्छा होता है। पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि जून से नवंबर तक दिन में एक बार भोजन करते है। ये प्रक्रिया चार से साढ़े चार महीने तक चलती है। पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में बताया कि इस प्रक्रिया का उन्हें अब भी लाभ हो रहा है।
पीएम मोदी ने अपनी इस दिनचर्या और लाइफस्टाइल को लेकर साइंटिफिक रीजन भी बताए है। उन्होंने भारतीय जड़ों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों मे शरीर, आत्मा, मन और मानवता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके लिए कई प्रणालियां भी है, जिसमें उपवास भी शामिल है। मगर ये अकेला सबकुछ नहीं है। उपवास अनुशासन विकसित करने का तरीका है। उपवास करने के दौरान इंद्रियां संवेदनशील और तेज होती है।
उपवास के दौरान शरीर की सोचने की प्रक्रिया तेज होती है। उपवास महज भोजन का त्याग करना नहीं होता बल्कि ये एक पूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया है। उपवास आत्म अनुशासन का तरीका होने का साथ ही भक्ति भी है। उपवास करने से शरीर में और तेजी व फुर्ती आती है। उपवास को लेकर पीएम मोदी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान भी वो उपवास करते हैं, जिसमें वो भोजन करने से पूरी तरह से परहेज करते है। इस दौरान वो सिर्फ गर्म पानी पीते हैं। चैत्र नवराक्ष के दौरान वो एक फल का आहार ही लेते है, जिसमें एक ही फल का नौ दिनों तक सेवन किया जाता है।