नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज नई दिल्ली में डाक विभाग की तिमाही व्यवसाय समीक्षा बैठक 2025–26 की अध्यक्षता की। चार घंटे चली इस बैठक में देशभर के 23 डाक परिमंडलों के अधिकारी शामिल रहे। यह वर्ष की दूसरी समीक्षा बैठक थी, पहली बैठक 15 जुलाई 2025 को हुई थी, जिसने संगठन में प्रदर्शन-आधारित और नवाचार-प्रधान कार्य संस्कृति की दिशा तय की थी।
बैठक के दौरान विभाग के छह प्रमुख क्षेत्रों में जुलाई से सितंबर 2025 तक की प्रगति, उपलब्धियों और चुनौतियों की समीक्षा की गई। सिंधिया ने विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि दूसरी तिमाही में विभाग ने 80% राजस्व लक्ष्य हासिल किया है यानी ₹4,184 करोड़ के लक्ष्य में ₹3,325 करोड़ का राजस्व दर्ज किया गया है। इसी तरह, अर्धवार्षिक लक्ष्य ₹8,772 करोड़ में से ₹6,633 करोड़ की उपलब्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है।
इंडिया पोस्ट की मजबूत प्रगति का संकेत
23 डाक परिमंडलों में से दिल्ली (149%) और तेलंगाना (112%) सर्वोच्च प्रदर्शनकर्ता रहे, जबकि 16 परिमंडलों ने अपने लक्ष्य का 70 से 99 प्रतिशत तक हासिल किया। केन्द्रीय मंत्री ने ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के परिमंडलों में लक्षित सुधार के निर्देश दिए तथा दिल्ली और तेलंगाना के मॉडलों से सीखने पर जोर दिया।
सिंधिया ने कहा कि तकनीक ही परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने निर्देश दिया कि आईटी 2.0 के सकारात्मक प्रभाव को “सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेज” और “पीओएसबी सिस्टम” के अलावा अन्य संचालन इकाइयों में भी फैलाया जाए। उन्होंने बताया कि जनवरी और मार्च 2026 में छह नए उत्पाद लॉन्च किए जाएंगे, जो डाक विभाग के नवाचार और दक्षता को नई दिशा देंगे।
सिंधिया ने दिया डाक सेवा से जन सेवा का संदेश
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डाक विभाग को अब एक आधुनिक लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें पार्सल और मेल सेवाएं कुल राजस्व का न्यूनतम 75% हिस्सा देंगी। उन्होंने सभी परिमंडलों के मुख्य डाकमहाप्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे मासिक समीक्षा बैठकें करें और पार्सल, मेल, अंतरराष्ट्रीय मेल व वैश्विक कारोबार, आरपीएलआई/पीएलआई, नागरिक सेवाएं और पीओएसबी सहित सभी छह प्रमुख वर्टिकल्स में प्रदर्शन का मूल्यांकन करें।
उन्होंने अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने काम को सिर्फ प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि एक व्यवसायिक इकाई के रूप में नेतृत्व करें। उन्होंने कहा कि आप सभी केवल अधिकारी नहीं, बल्कि एक व्यवसाय चला रहे प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (CEOs) हैं।
सिंधिया ने यह भी कहा कि सभी परिमंडल अपने संचालन की तुलना निजी क्षेत्र की कंपनियों से करें और प्रतिस्पर्धा एवं मूल्य शृंखला विश्लेषण के माध्यम से दक्षता और नवाचार को बढ़ाएं। उन्होंने अगले पाँच वर्षों में सरकारी और निजी व्यवसाय के बीच 20:80 अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य रखा, जिससे विभाग का राजस्व स्रोत अधिक विविध और स्थायी बन सके।
ग्राम डाक सेवकों की भूमिका और सम्मान पर बल
सिंधिया ने ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत, समर्पण और सफल कहानियों को व्यापक रूप से साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट की असली ताकत हमारे ग्राम डाक सेवक हैं, जो देश के हर कोने में सेवा और भरोसे का संदेश पहुंचाते हैं।
इंडिया पोस्ट के आधुनिकीकरण की नई दिशा
बैठक के दौरान सिंधिया ने कहा कि आने वाले कुछ महीने इंडिया पोस्ट के लिए परिवर्तनकारी साबित होंगे। हम पूरे देश में डाक ढांचे के व्यापक आधुनिकीकरण की दिशा में अग्रसर हैं। ‘प्रोजेक्ट ऐरो’ को नई ऊंचाई पर ले जाकर इंडिया पोस्ट को एक विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में स्थापित किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि डाक सेवा ही जन सेवा की भावना के साथ सभी अधिकारियों को एक-दूसरे के साथ निरंतर संवाद और सहयोग बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम नियमित रूप से मिलें, अनुभव साझा करें और जिन क्षेत्रों में चुनौतियां हैं, उन पर चर्चा करें ताकि समाधान खोजा जा सके।”
“विकसित भारत” की दिशा में आगे बढ़ता इंडिया पोस्ट
बैठक का समापन करते हुए सिंधिया ने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ की भावना के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य है कि हमारे अधिकारी अपनी सुविधा के दायरे से बाहर निकलकर नई सोच और नई ऊर्जा के साथ काम करें। हम सब मिलकर इंडिया पोस्ट को नागरिक-केंद्रित, सेवा-प्रधान और भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाएंगे।

