विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पिछले साल हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 50 अरब यूरो का था। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हम अपने व्यापार को दोगुना कर देंगे। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूँ कि भारत भी उनकी इसी भावना का समर्थन करता है। वह जर्मन सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है… मैं दोहराना चाहता हूँ कि हम इस देश में व्यापार को और आसान बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध हैं।
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एस जयशंकर ने कहा कि मैंने आज जर्मन विदेश मंत्री को आश्वस्त किया कि जर्मन कंपनियों की भारत में आने, यहाँ स्थापित होने और काम करने संबंधी किसी भी चिंता पर हम विशेष ध्यान देने के लिए तैयार हैं। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के संबंध में जर्मनी ने जो समझ दिखाई है, हम उसकी बहुत कद्र करते हैं। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने स्वयं आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने के हमारे अधिकार के बारे में स्पष्ट रूप से कहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जून में जर्मनी गए एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग में वृद्धि हुई है।
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बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मनी से यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता को तेज करने के लिए समर्थन मांगा। जयशंकर ने कहा कि जर्मनी ने पिछले साल तरंग शक्ति वायु अभ्यास में भाग लिया था । आज, हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि इस तरह की भागीदारी जारी रहनी चाहिए, बल्कि इसका विस्तार भी होना चाहिए।