पश्चिम बंगाल सरकार ने कामकाजी महिलाओं, खासकर रात की पाली में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए नियमों का एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें संस्थान में एक अनिवार्य शिकायत समिति का गठन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
प्रस्तावित नियमों के अनुसार, किसी भी संस्थान की महिला कर्मचारियों के लिए रात की पाली अनिवार्य नहीं होगी और संस्थान को रात में कार्यालय आने-जाने के दौरान भी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
ये मसौदा नियम सरकारी आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी के दौरान प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना का एक साल पूरा होने से पहले पेश किए गए हैं।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, मसौदा नियमों में कुल 22 मुद्दों की पहचान की गई है।
इसमें कहा गया है कि रात्रि की पाली रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक होगी और कम से कम 10 महिलाएं, या कुल पाली में कार्यरत कर्मचारियों की एक-तिहाई संख्या, जो भी अधिक हो, एक साथ मौजूद होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इसमें महिला कर्मचारियों के लिए विश्राम क्षेत्र और कैंटीन की व्यवस्था करने का भी प्रस्ताव है ताकि उन्हें कार्यालय परिसर से बाहर न जाना पड़े।
अधिकारी कहा, कार्यालय के प्रवेश और निकास द्वारों के साथ-साथ गलियारों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने होंगे।
अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नियमों में कार्यस्थल पर एक आंतरिक शिकायत समिति के गठन का भी प्रावधान है, जो यौन उत्पीड़न के मामलों को कतई बर्दाश्त न करने की नीति लागू करेगी।
समिति के सदस्यों को ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए हर तीन महीने में बैठक करनी होगी।
उन्होंने कहा कि मसौदे के अनुसार, ऐसा न करने पर कंपनी पर श्रम कानूनों के तहत जुर्माना लगाया जाएगा और कुछ मामलों में, उनकी परिचालन मंजूरी रद्द भी की जा सकती है।”
पिछले साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के बाद से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दे रही हैं।