प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।’’
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। उन्होंने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक देश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी गयी थी।
इसके अलावा राहुल गांधी, सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ शक्ति स्थल पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को उनकी 108वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
इंदिरा गांधी का जन्म आज ही के दिन 1917 में एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ था। वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री थीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा स्विट्ज़रलैंड के बेक्स स्थित इकोले नोवेल; जिनेवा स्थित इकोले इंटरनेशनेल; पूना और बॉम्बे स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल; ब्रिस्टल स्थित बैडमिंटन स्कूल; और शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में हुई। बाद में उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड के सोमरविले कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। इन वर्षों में, उन्हें दुनिया भर के कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ और कोलंबिया विश्वविद्यालय से विशिष्ट सम्मान प्राप्त हुआ।
इंदिरा गांधी छोटी उम्र से ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं। बचपन में ही उन्होंने बाल चरखा संघ की स्थापना की और बाद में, 1930 में, असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए समर्पित बच्चों के एक समूह, वानर सेना की स्थापना की। भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी भूमिका के कारण उन्हें सितंबर 1942 में जेल में डाल दिया गया था। 1947 में, उन्होंने महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में काम किया और सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को राहत और सहायता प्रदान की।
26 मार्च, 1942 को उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ, जिनसे उनके दो पुत्र हुए। कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक पदों पर पहुँचने के साथ-साथ उनकी राजनीतिक ज़िम्मेदारियाँ लगातार बढ़ती गईं। 1955 में वे कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं। 1958 में, वे कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में शामिल हुईं। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्ष, अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महिला विभाग की प्रमुख के रूप में भी कार्य किया। इंदिरा गांधी 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 1960 तक और फिर जनवरी 1978 से इस पद पर रहीं।
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उनका मंत्री पद का कार्यकाल 1964 से 1966 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य करने के साथ शुरू हुआ। जनवरी 1966 में वे भारत की प्रधानमंत्री बनीं और मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या होने तक इस पद पर रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक साथ कई प्रमुख विभागों का कार्यभार संभाला, जिनमें 1967 से 1977 तक परमाणु ऊर्जा मंत्री, 1967 से 1969 तक विदेश मंत्री, 1970 से 1973 तक गृह मंत्री और 1972 से 1977 तक अंतरिक्ष मंत्री शामिल हैं। जनवरी 1980 में, वे योजना आयोग की अध्यक्ष बनीं।
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इंदिरा गांधी चौथे, पाँचवें और छठे आम चुनावों में लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से पहले 1964 से 1967 तक राज्यसभा सदस्य रहीं। जनवरी 1980 में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के रायबरेली और आंध्र प्रदेश के मेडक, दोनों सीटों से जीत हासिल की और अंततः मेडक सीट बरकरार रखने का फैसला किया। उन्होंने 1967 से 1977 तक और फिर 1980 से कांग्रेस संसदीय दल की नेता के रूप में भी कार्य किया।
उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें 1972 में भारत रत्न, बांग्लादेश की मुक्ति के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार, एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक और साहित्य वाचस्पति पुरस्कार शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में मदर्स अवार्ड, कूटनीति के लिए इटली का इसाबेला डी’एस्टे पुरस्कार और येल विश्वविद्यालय का हाउलैंड मेमोरियल पुरस्कार मिला।

