Sunday, August 3, 2025
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इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्धविराम के लिए अमेरिका से मांगी थी मदद, निशिकांत दुबे का बड़ा दावा, राहुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान युद्धविराम के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी, जबकि भारत ने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को पकड़ लिया था। दुबे ने इंदिरा गांधी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को कथित तौर पर लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें युद्धविराम कराने में मदद का अनुरोध किया गया था। दुबे ने इंदिरा गांधी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को 5 दिसंबर, 1971 को लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें युद्धविराम का अनुरोध किया गया था और भारत की सरकार को खतरे में बताया गया था। उन्होंने कांग्रेस पर भारत के इतिहास के बारे में झूठी बातें फैलाने का आरोप लगाया।
 

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निशिकांत दुबे ने एक्स पर लिखा कि कल लोकसभा में राहुल गांधी जी ने 1971 युद्ध के बारे में इंदिरा गांधी जी की भूमिका पर ग़लत बयानी की। दिसंबर में इंदिरा गांधी जी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन जी को पाकिस्तान के साथ युद्ध रोकने की गुहार लगाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी को अध्यक्षीय डायरेक्शन के नियम 115 के तहत राहुल गांधी जी पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। 
बाद में एएनआई से बात करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि ये 5 दिसंबर 1971 का एक पत्र है, जो इंदिरा गांधी ने अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को लिखा था। उन्होंने लिखा था कि हमारी सरकार खतरे में है, और भारत युद्ध विराम चाहता है; आप पाकिस्तान को मना लीजिए। इतना बड़ा आत्मसमर्पण, इतना बड़ा झूठ। 1971 का पूरा इतिहास इंदिरा गांधी द्वारा लिखे गए इस एक पत्र में समाहित है। जब लोगों को लगा कि हम अपने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को ले सकते हैं, जब हमने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को पकड़ लिया था, उस समय अचानक युद्ध विराम हो गया। 
 

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उन्होंने आगे कहा कि इस इतिहास को देखने के बाद, क्या आपको नहीं लगता कि कांग्रेस ने पूरे मीडिया को नियंत्रित किया था? कांग्रेस ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की। हमें बचपन से यही पढ़ाया गया है कि निक्सन और किसिंजर को भारत में घुसने नहीं दिया गया, लेकिन इतिहास यही है कि 1971 में गांधी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। मैंने स्पीकर से कहा है कि वे उनके भाषण को हटाने के लिए कार्रवाई करें या उन्हें संसद में माफ़ी मांगने के लिए कहें।
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