महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को आरोप लगाया कि शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मराठवाड़ा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित किसानों से बेमन से मुलाकात की और उन्हें कोई मदद नहीं दी।
परभणी में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे जब सत्ता में थे तब भी आम नागरिकों को बेहतर लाभ एवं सेवाएं मुहैया कराने में विफल रहे थे।
शिंदे ने कहा कि उनके सक्रिय होने के बाद से उनके (उद्धव) जैसे नेताओं ने दौरे शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा,‘‘ अगर आपके पास देने के लिए कुछ नहीं है, तो आप किसानों से मिलने क्यों गए? आप अपने साथ कम से कम बिस्कुट के कुछ पैकेट तो ले ही जा सकते थे। एक सच्चा नेता समस्याओं के समय लोगों के साथ खड़ा होता है।’’
उन्होंने ठाकरे के पिछले सप्ताह मराठवाड़ा क्षेत्र के दौरे का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने संकटग्रस्त किसानों से मुलाकात की थी।
शुष्क मराठवाड़ा क्षेत्र बरसात में लंबे समय तक बारिश से प्रभावित रहा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें नष्ट हो गईं और घरों को भी व्यापक क्षति पहुंची।
शिंदे ने अपने नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा किसानों को दी गई सहायता को याद किया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम प्रभावित किसानों के दरवाजे पर गए। उद्धव जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कभी आम लोगों से मुलाकात नहीं की और अब वह सरकार को बदनाम कर रहे हैं। जब वह सत्ता में थे तो उन्होंने किसानों को कोई सहायता नहीं दी।’’
शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार किसानों को ऋण माफी सहित राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने राज्य सरकार द्वारा घोषित 32,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का उल्लेख किया।
उन्होंने स्थानीय निकायों के आगामी चुनावों के दौरान महायुति सहयोगियों के खिलाफ ‘वोटबंदी’ (मतदान पर प्रतिबंध) के ठाकरे के आह्वान को राजनीतिक दिखावा करार देते हुए खारिज कर दिया।
शिंदे ने कहा, ‘‘कांग्रेस 2014 तक सत्ता में रहने के दौरान कई घोटालों में लिप्त रही। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ही थी जिसने भारत में विकास का मार्ग प्रशस्त किया। हम घोटालेबाज नहीं हैं, हम महाराष्ट्र को आगे ले जा रहे हैं।

