उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगातार भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण नदियों के उफान पर होने से निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सरयू, केन, यमुना और चंबल जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान या उससे ऊपर बह रही हैं।
उन्होंने बताया कि अयोध्या, बांदा और इटावा में अधिकारियों ने बचाव एवं राहत अभियान शुरू कर दिया है तथा निचले इलाकों में ‘अलर्ट’ जारी कर दिया गया।
केंद्रीय जल आयोग के कनिष्ठ अभियंता आकाश प्रताप सिंह ने बताया कि अयोध्या में सरयू नदी वर्तमान में चेतावनी स्तर से 56 सेंटीमीटर (सेमी) ऊपर बह रही है और हर तीन घंटे में जलस्तर दो सेमी बढ़ रहा है।
जिला प्रशासन ने कई इलाकों में अलर्ट जारी श्रद्धालुओं से स्नान घाट पर गहरे पानी में जाने से बचने का आग्रह किया।
अधिकारियों ने बताया कि कड़ी निगरानी के लिए जल पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को तैनात किया गया है।
बांदा जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जहां केन और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण पैलानी तहसील के कई गांव जलमग्न हो गए।
बांदा की जिलाधिकारी जे. रीभा ने सिंधनकला और नंदादेव के बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने भोजन व पानी, लाइफ जैकेट वितरण के आदेश दिए हैं और राजस्व विभाग को चिकित्सा सुविधाओं व स्वच्छ पेयजल सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मध्यप्रदेश के कोटा बैराज से 14,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण इटावा में चंबल व यमुना नदियां उफान पर हैं।
अधिकारियों ने बताया कि चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई है।
इटावा के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने चकरनगर तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों गढ़ाकास्दा, हरोली और बहादुरपुर का निरीक्षण किया, जहां सड़कें जलमग्न हो गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन अस्थायी परिवहन के साधन के रूप में नावें उपलब्ध करा रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल, मोबाइल शौचालय व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गयी है।