केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने मंगलवार को कहा कि ‘एंटीबायोटिक’ दवाओं का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग दुर्भाग्य से आम बात हो गई है, जिसके कारण ‘एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस’ (एएमआर) एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बन गया है। उन्होंने सुधारात्मक उपायों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
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नड्डा ने यहां एएमआर (2025-29) पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के दूसरे संस्करण की शुरुआत करते हुए कहा कि इस मुद्दे का समाधान केवल सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘एएमआर एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है, जिसका समाधान केवल सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से ही किया जा सकता है।’’
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नड्डा ने कहा कि यह यात्रा 2010 में शुरुआती चर्चाओं के साथ प्रारंभ हुई थी, जिसके बाद 2017 में पहला एनएपी-एएमआर शुरू किया गया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग दुर्भाग्य से आम बात हो गई है और इस संबंध में तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
News Source- PTI Information

