राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को लोकतंत्र को कायम रखने में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और भ्रामक सूचना के कारण बढ़ते खतरों के प्रति आगाह भी किया।
राष्ट्रपति ने रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए शोध और एक मजबूत न्यूजरूम के अलावा जमीनी रिपोर्टिंग के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसकी वकालत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी की थी।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर नागरिकों को अच्छी जानकारी नहीं होगी, तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं अपना अर्थ खो देंगी।’’
उन्होंने आधुनिक राज्य में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि मीडिया ‘‘चौथे स्तंभ’’ के रूप में कार्य करता है।
राष्ट्रपति ने अपने भाषण के दौरान एआई और गलत सूचना के संबंध में बढ़ती चिंताओं को रेखांकित किया।
उन्होंने ‘डीप फेक’ और एआई जनित अन्य दुरुपयोगों के खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही उस चरण में पहुंच जाएंगे, जब दुर्भावनापूर्ण सामग्री को हटा दिया जाएगा, और तथाकथित पोस्ट-ट्रुथ का चलन खत्म हो जाएगा।’’
राष्ट्रपति ने मीडिया से आग्रह किया कि वह नागरिकों, विशेषकर युवा पीढ़ी को इन खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय अभियान चलाए।