Thursday, November 20, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयएस. वाई. कुरैशी निर्वाचन आयुक्त नहीं बल्कि मुस्लिम आयुक्त थे:...

एस. वाई. कुरैशी निर्वाचन आयुक्त नहीं बल्कि मुस्लिम आयुक्त थे: निशिकांत दुबे

 भारत के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी से हंगामा मचाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को एस. वाई. कुरैशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि एक मुस्लिम आयुक्त थे।

इससे पहले कुरैशी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना करते हुए इसे मुस्लिमों की भूमि हड़पने की सरकार की भयावह और बुरी योजना” बताया था।
कुरैशी भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं।

दुबे ने एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर तीखा हमला बोला था और भारत में धार्मिक युद्ध के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था।
इसके बाद भाजपा ने उनकी विवादास्पद टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया।

कुरैशी ने 17 अप्रैल को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया था, “वक्फ अधिनियम निस्संदेह मुस्लिमों की भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयावह योजना है। मुझे यकीन है कि उच्चतम न्यायालय इस पर सवाल उठाएगा। दुष्प्रचार मशीनरी ने गलत सूचना फैलाने का अपना काम बखूबी किया है।”

भाजपा सांसद ने इस पर रविवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की।
दुबे ने कहा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, आप एक मुस्लिम आयुक्त थे। आपके कार्यकाल में झारखंड के संथाल परगना में सबसे अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “पैगंबर मुहम्मद का इस्लाम भारत में 712 ई. में आया था। उससे पहले यह भूमि (वक्फ) उस धर्म से जुड़े हिंदुओं या आदिवासियों, जैनियों या बौद्धों की थी।”
दुबे ने कहा कि उनके गांव विक्रमशिला को 1189 में बख्तियार खिलजी ने जला दिया था और विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को आतिश दीपांकर के रूप में पहला कुलपति दिया था।

उन्होंने कहा,“इस देश को एकजुट करो, इतिहास पढ़ो। पाकिस्तान को बांटकर बनाया गया था। अब कोई बंटवारा नहीं होगा।”
दुबे चार बार से झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सदस्य हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments