Wednesday, October 15, 2025
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ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर हरे और नीले रंग के कपड़े ही क्यों पहनते हैं? जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

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अस्पताल में प्रवेश करते ही हर व्यक्ति को डॉक्टरों और नर्सों की अलग-अलग वेशभूषा नजर आती है। सामान्य तौर पर डॉक्टर सफेद कोट पहनते हैं, लेकिन जब वे ऑपरेशन थिएटर (OT) में होते हैं, तो उनके कपड़ों का रंग सफेद नहीं, बल्कि हरा या नीला होता है। आपने भी ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टरों और अन्य सर्जिकल स्टाफ को इन्हीं रंगों के कपड़े पहने देखा होगा।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर ऑपरेशन के दौरान सफेद रंग की बजाय हरे और नीले रंग के कपड़े ही क्यों पहनते हैं? क्या यह सिर्फ एक नियम है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है? आइए, जानते हैं इसके पीछे की वास्तविक वजह।

हरे और नीले रंग के कपड़े पहनने का वैज्ञानिक कारण

1) आँखों के लिए आरामदायक होते हैं ये रंग

ऑपरेशन के दौरान सर्जन का संपर्क लगातार खून (लाल रंग) और शरीर के आंतरिक अंगों से होता है। हरा और नीला रंग, प्रकाश के स्पेक्ट्रम में लाल रंग के विपरीत होते हैं। जब डॉक्टर लंबे समय तक लाल रंग देखते हैं, तो उनकी आंखें थक जाती हैं और उन्हें दिमाग में एक दृश्य भ्रम (visual illusion) होने लगता है।

➡ कैसे होता है यह भ्रम?

  • अगर डॉक्टर लगातार लाल रंग देखते हैं और फिर सफेद या चमकीली सतह पर नजर डालते हैं, तो उन्हें हरे-नीले धब्बे नजर आते हैं।
  • यह उनकी आँखों को भ्रमित कर सकता है और ऑपरेशन के दौरान एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है।
  • हरे या नीले रंग के कपड़े पहनने से यह समस्या कम हो जाती है, क्योंकि ये रंग आँखों को आराम पहुंचाते हैं और उन्हें अधिक संवेदनशील बनाए रखते हैं।

2) ऑपरेशन के दौरान बेहतर फोकस में मददगार

सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होती है। हरा और नीला रंग उनकी दृष्टि को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है, जिससे वे लंबे समय तक बिना तनाव के काम कर पाते हैं।

➡ कैसे करता है ये मदद?

  • जब डॉक्टर हरा या नीला रंग देखते हैं, तो उनकी आँखें लाल रंग को और अधिक सटीक ढंग से पहचानने में सक्षम हो जाती हैं।
  • इससे ऑपरेशन के दौरान खून की पहचान और अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक संरचनाओं को देखने में सहूलियत होती है।

3) खून के दाग कम दिखाई देते हैं

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों के कपड़ों पर खून के दाग लगना सामान्य बात है। अगर कपड़े सफेद होते, तो खून के दाग बहुत ज्यादा गहरे और भद्दे नजर आते, जिससे यह मानसिक तनाव बढ़ा सकता था।

➡ हरा और नीला रंग क्यों बेहतर हैं?

  • हरे और नीले रंग पर खून के दाग भूरे या कम गहरे दिखते हैं, जिससे डॉक्टरों को कम मानसिक तनाव होता है।
  • सफेद कपड़े पर खून का लाल रंग अत्यधिक तीव्र दिख सकता है, जिससे डॉक्टरों को बार-बार कपड़े बदलने की जरूरत पड़ सकती थी।

4) मानसिक तनाव को कम करता है

सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसमें डॉक्टरों को घंटों तक धैर्य और ध्यान केंद्रित रखना पड़ता है। लंबे समय तक तेज रोशनी और लाल रंग देखने से उनकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।

➡ हरे और नीले रंग का असर:

  • ये रंग मानसिक रूप से शांति प्रदान करते हैं और तनाव को कम करते हैं।
  • हरा रंग प्राकृतिक और सुखदायक माना जाता है, जो डॉक्टरों को शांत रहने में मदद करता है।
  • इससे डॉक्टरों की कार्यक्षमता बढ़ती है और वे सर्जरी को अधिक कुशलता से कर पाते हैं।

हरे और नीले रंग के कपड़ों की शुरुआत कब हुई?

1914 से पहले, डॉक्टर सर्जरी के दौरान सफेद रंग के कपड़े पहना करते थे। लेकिन एक जाने-माने सर्जन ने पहली बार सफेद की जगह हरे रंग के कपड़े पहनकर ऑपरेशन किया।

➡ इसके बाद पाया गया कि हरे और नीले रंग की वर्दी पहनने से डॉक्टरों को बेहतर फोकस मिलता है, आँखों को आराम मिलता है और सर्जरी के दौरान कम थकान महसूस होती है। यही कारण है कि धीरे-धीरे यह एक मानक प्रोटोकॉल बन गया और आज ऑपरेशन थिएटर में हर जगह हरे और नीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं।

अस्पतालों में पर्दे और मास्क भी हरे और नीले रंग के क्यों होते हैं?

  • अस्पतालों में मरीजों के लिए भी हरा और नीला रंग मनोवैज्ञानिक रूप से आरामदायक माना जाता है।
  • इन रंगों को देखकर मरीज कम तनाव महसूस करते हैं और उनका मन शांत रहता है।
  • यही कारण है कि अस्पतालों में बेडशीट, पर्दे, मास्क और गाउन भी अधिकतर हरे और नीले रंग के होते हैं।
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