ग्वालियर। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, और सिंधिया स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष, ज्योतिरादित्य सिंधिया, ने ऐतिहासिक ग्वालियर किले पर आयोजित स्कूल के 128वें संस्थापक दिवस को संबोधित किया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान की गरिमामयी उपस्थिति में यह समारोह, देश के रक्षा सिद्धांत, आधुनिक युद्ध रणनीति और 21वीं सदी के ‘सोल्जरिंग’ (सैनिक मूल्यों) पर गंभीर चिंतन का केंद्र बन गया।
ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई भविष्य के युद्ध की रणनीतिः सिंधिया
सिंधिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और परिणाम पर बात करते हुए कहा कि भारतीय सैन्य दलों के इस ऑपरेशन से भारत की सैन्य मुद्रा में एक ऐतिहासिक बदलाव आया है, जो शक्ति के नए सिद्धांतों के रूप में सटीकता (Precision), सिद्धांत (Principle), और धैर्य (Patience) को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि एक संदेश था कि हमारे सैनिक साहस एवं संप्रभुता की रक्षा, न्याय को कायम रखना और निर्दोषों की सुरक्षा के स्पष्ट उद्देश्य के साथ प्रहार करते हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि ऑपरेशन में, अंतरिक्ष-आधारित संपत्तियों (Space-based assets), उन्नत ड्रोन एकीकरण और अत्यंत गोपनीयता के साथ क्रियान्वयन कर बिना किसी नागरिक मौत के कई आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि दुश्मन राष्ट्र को नुकसान को छिपाने के लिए हमले के बाद सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करने पर मजबूर हो गया था जिसमें साफ तौर पर हैंगरों को कवर करते हुए दिखाया गया था।
सिंधिया ने ऑपरेशन के नाम ‘सिंदूर’ पर के नाम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नाम सनातन और भारतीय परंपरा से लिया गया है। सिंदूर भारतीय संस्कृति में गरिमा और हमारी सभ्यता की जीवन शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह आधुनिक युद्ध का नया विज्ञान है जो प्रौद्योगिकी में निहित है और कालातीत मूल्यों द्वारा निर्देशित है।”
RRR: नेतृत्व के लिए नया राष्ट्रीय सिद्धांत
सिंधिया ने ऑपरेशन सिंदूर की सीख को एक व्यापक दर्शन से जोड़ते हुए कहा कि RRR मंत्र यानि रेडी (तैयार), रिलेवेंट (प्रासंगिक), और रिसर्जेंट (पुनरुत्थानशील) केवल सैन्य तैयारियों के लिए नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में नेतृत्व के लिए एक आवश्यक मानसिकता है। रेडी (Ready) यानि केवल सूचना से नहीं, बल्कि अनुशासन और क्रियान्वयन में स्पष्टता से तैयार रहना। रिलेवेंट (Relevant) अर्थात युद्ध और जीवन में, अप्रासंगिकता ही पहली हार है। निरंतर सीखना ही अस्तित्व है। रिसर्जेंट (Resurgent) मतलब सच्ची ताकत हर पतन के बाद और मजबूत होकर उठने में निहित है, यही सिद्धांत भारतीय सशस्त्र बल हर ऑपरेशन में मूर्त रूप देते हैं।
उन्होंने जनरल चौहान की पुस्तक ‘रेडी, रिलेवेंट, रिसर्जेंट’ की प्रशंसा की, जिसने सशस्त्र बलों के परिवर्तन को मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि, युद्धक्षेत्र की बुद्धिमत्ता और प्राचीन भारतीय रणनीतिक विचार (जैसे गुरु द्रोणाचार्य के विरुद्ध पांडवों की मनोवैज्ञानिक रणनीति) के साथ जोड़ा है। सिंधिया ने कहा कि यह RRR मानसिकता नीति, शासन, नवाचार और सार्वजनिक सेवा में भी आवश्यक है।
आज के दौर में ‘सिंधियन’ होने का अर्थ
सिंधिया ने छात्रों को सीधे संबोधित करते हुए नेतृत्व की कल्पना कमांड के रूप में नहीं, बल्कि सेवा के रूप में करने को कहा। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे सैनिकों की तरह नेतृत्व करें और सफलता में विनम्रता, संबंधों में वफ़ादारी, आचरण में अनुशासन, और सत्य के लिए साहस रखें। उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि भाईचारा, टीमवर्क और बलिदान केवल सैन्य बलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये नेतृत्व और चरित्र के सार्वभौमिक सिद्धांत हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी को माधव पुरस्कार 2025
समारोह में सिंधिया स्कूल के पूर्व छात्र और भारत सरकार के विदेश सचिव विक्रम मिसरी को प्रतिष्ठित माधव पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। सिंधिया ने मिसरी के कूटनीतिक नेतृत्व की प्रशंसा की और उन्हें “सिंधियन मूल्यों का जीवंत उदाहरण तथा बुद्धिमत्ता, संयम और लचीलेपन के माध्यम से राष्ट्र की सेवा” करने वाला बताया।
भारत की सेवा ही है हर सिंधियन का कर्तव्यः सिंधिया
अपने संबोधन के समापन पर, सिंधिया ने छात्रों को याद दिलाया कि एक दिन दुनिया का भविष्य उनके कंधों पर होगा, इसे एक जिम्मेदारी के रूप में लें। CDS जनरल चौहान के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए, सिंधिया ने कहा कि यदि आज के युवा भारतीय सेना के अनुशासन और कर्तव्य का एक अंश भी अपना लें, तो वे न केवल शक्तिशाली करियर बनाएंगे, बल्कि एक शक्तिशाली राष्ट्र का भी निर्माण करेंगे।