मणिशंकर अय्यर के राजनीतिक करियर के ग्राफ पर करीब से नजर डाले तो ये कहना गलत नहीं होगा कि राजीव गांधी की इतनी असामयिक मृत्यु नहीं हुई होती और वे स्वयं इतने मनमौजी नहीं होते। अय्यर स्वतंत्र, असामान्य विचार प्रकट करने वाले व्यक्ति रहे हैं। चाहे इसके परिणाम कुछ भी रहे हो। अपनी अपनी पुस्तक ‘ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स’ के इस अंतिम खंड में मणिशंकर अय्यर ने अपने राजनीतिक जीवन के विभिन्न चरणों का स्पष्ट विवरण साझा किए हैं। खेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के साथ हुए मतभेदों को याद किया है। राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के साथ हुए अपने मतभेदों को याद करते हुए कहा कि 2010 के राष्ट्रमंडल खेल अंततः राष्ट्रीय शर्म के रूप में समाप्त हुए।
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राजीव गांधी विदेश सेवा से राजनीति में लाए
कांग्रेस नेता ने विमोचन कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, कई सांसद, पूर्व सांसद और वर्तमान तथा पूर्व राजनयिक शामिल हुए। अय्यर ने स्वीकार किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे जो उन्हें भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से राजनीति में लाए, लेकिन यह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने उन्हें राजनीति की सीढ़ी पर चढ़ने में सक्षम बनाया। वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के साथ बातचीत में अय्यर ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान विभिन्न समय पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पंचायती राज, युवा मामले और खेल तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय संभालने वाले मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद किया।
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय छिनन से खुश नहीं थे अय्यर
जनवरी 2006 से अप्रैल 2008 तक खेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में बात करते हुए अय्यर ने स्वीकार किया कि वह इस बात से बहुत खुश नहीं थे कि उनसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ले लिया गया और उन्हें युवा मामले और खेल मंत्रालय सौंप दिया गया। खेल मंत्री का पदभार संभालने पर अय्यर ने कहा कि उन्हें पता चला कि वह राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, सभी खेल महासंघ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधीन हैं। सभी महासंघों का नेतृत्व राजनेताओं द्वारा किया जाता है, जो सिर्फ अपना पेट पालते हैं – महासंघ बहुत अमीर हैं और मौज-मस्ती करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिभाओं की तलाश करने और उन्हें निखारने के लिए उनकी ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “शास्त्री भवन स्थित मेरे कार्यालय (खेल मंत्री के रूप में) पहुंचने के कुछ ही मिनटों के भीतर, सुरेश कलमाडी के दो प्रधान सहायक मुझसे मिलने आए और उन्होंने ऐसी का इस्तेमाल किया जो दून स्कूल के शौचालयों के लिए उपयुक्त थी। उन्होंने सुरेश कलमाडी को बुरा-भला कहा।
मुझे तिहाड़ जेल में आपके साथ सेल साझा करने में दिलचस्पी नहीं
पृथ्वीराज चव्हाण संसद के केंद्रीय कक्ष में मेरे पास आए और कहा कि अगर आप कलमाडी से यूसी नहीं लेते हैं, तो आप बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे।’ मैंने कहा कि आप मुझसे पहले मंत्री थे, आपने उनसे यूसी क्यों नहीं लिया?” अय्यर ने कहा कि चव्हाण ने महाराष्ट्र की राजनीति का हवाला देते हुए कहा कि वह इस पर जोर नहीं दे पाये। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक बैठक बुलाई थी जिसमें कलमाडी भी शामिल थे लेकिन वह (कलमाड़ी) इस बात पर अड़े थे कि वह यूसी नहीं देंगे। अय्यर ने याद करते हुए कहा, “फिर मैंने उनसे कहा कि सुरेश, मुझे तिहाड़ जेल में आपके साथ एक सेल शेयर करने की कोई इच्छा नहीं है’ और ‘अगर मैं तिहाड़ जेल नहीं भी गया, तो मैं जेल में आपके लिए चॉकलेट केक भी नहीं लाना चाहता। पूर्व खेल मंत्री ने कहा कि कलमाडी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास गए और उन्हें बताया कि अय्यर ने यह टिप्पणी उनके अधीनस्थों के सामने की थी। अय्यर ने कहा कि उन्होंने (गांधी ने) मुझसे पूछा कि क्या मैंने ऐसा कहा था। मैं हैरान था कि उन्हें यह सब पता था, इसलिए मैंने उनकी तरफ देखा, यह नहीं जानते हुए कि वह वास्तव में क्या प्रतिक्रिया देंगी, और फिर वह खिलखिलाकर हंसने लगीं। इसलिए मुझे लगा कि यह ठीक है।