नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग “भारत विरोधी मुगाम्बों” को खुश करने की सनकी सियासत में “जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे, अगर दिन को कहो रात तो हम रात कहेंगे” का गीत गाते हुए भारत की धाक-धमक को धूमिल करने की धूर्ततापूर्ण जुगलबन्दी में जुटे हुए हैं।
श्री नकवी ने यहां भाजपा द्वारा आयोजित “कलाम को सलाम” सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए विपक्ष विशेषकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “चोट कराची को चीख कांग्रेस की निकलना” इस बात का प्रमाण है कि कुछ लोगों का राजनीतिक स्वार्थ और सियासत, राष्ट्रीय सुरक्षा सरोकार पर हावी है।
श्री नकवी ने कहा कि “आपरेशन सिंदूर” के तहत हमारे सेना के धुरंधरों द्वारा की गई धुंआधार, धमाकेदार, धुलाई धुनाई से धूलधूसरित हुए दहशतगर्द दरिन्दों और उनके दाताओं को जन्म-जन्मांतर याद रहने वाला दण्ड मिला है। हमारी सेना के शौर्य पराक्रम को सलाम करने की जगह कुछ लोग सवाल की सियासत में लगे हुए हैं। कांग्रेस का भारतीय सेना के शौर्य पराक्रम पर सवाल पहली बार नहीं है, करगिल आप्रेशन विजय पर भी कांग्रेस पाकिस्तान के साथ सवाल- सुबूत की जुगलबन्दी कर जीत के रंग में भ्रम का भंग घोलने का पाप कर चुकी है।
श्री नकवी ने कहा कि “दहशतगर्दी के मेड इन इस्लामाबाद दरिन्दे इस्लाम के वसूल, इस्लामाबाद के वजूद” के दुश्मन हैं। पाकिस्तान ने आतंकवादियों को राष्ट्रीय सम्पत्ति, आतंकवाद को राष्ट्रीय सम्पदा बना लिया है। इसी लिए आप्रेशन सिंदूर की सफलता पर जब भारत तिरंगे की शौर्य यात्रा निकाल रहा था तब पाकिस्तानी हुकमरां टेररिस्ट की शव यात्रा को कंधा दे रहे थे।
श्री नकवी ने कहा कि टेररिज्म की टेरेटरी-टकसाल किसी भी मुल्क, मज़हब, मानवता की सुरक्षा, समृद्धि, सम्मान के लिए ख़तरनाक है, आतंकवाद पर दोहरी नीति किसी भी मुल्क, मज़हब के लिए हानिकारक है।
श्री नकवी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और भारत ने कलाम साहब को ऐसे वक्त में राष्ट्रपति बनाया था जब पूरे विश्व में अल-कायदा के आतंक, और इस्लाम को सुरक्षाकवच बना कर इन्सानियत को लहूलुहान करने का शैतानी दौर चल रहा था, भारत ने दुनियाभर को संदेश दिया कि भारत में कलाम साहब जैसे नेशनलिस्ट पैदा होते हैं, बिन लादेन जैस टेररिस्ट नहीं।
श्री नकवी ने कहा कि मुसलमानों को भाजपा के प्रति असहिष्णुता, अस्पृश्यता के मिज़ाज, रिवाज से मुक्त होना होगा, वक्त आ गया है जब भाजपा के प्रति पैदा किए गए भय-भ्रम के गटर पर भरोसे का शटर लगाना होगा। संविधान, लोकतंत्र, पंथनिरपेक्षता, राष्ट्रवाद भाजपा की सैध्दांतिक प्रतिबद्धता है। भारतीय पंथनिरपेक्षता बहुसंख्यकों के संस्कार, संस्कृति, सोंच, संकल्प का परिणाम है। आज़ादी के बाद जब पाकिस्तानी बहुसंख्यक इस्लामी झण्डा फहरा रहा था तो भारत का बहुसंख्यक पंथनिरपेक्षता का झंडाबरदार बना।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ईमान, इक़बाल, इन्साफ के संकल्प, सोंच के साथ तीसरे कार्यकाल में निरंतरता के साथ सुशासन के सफल सफ़र को आगे बढ़ा रही है। जिसने वोट में कन्जूसी की उसके विकास में भी कमी नहीं की।
इस अवसर पर नई दिल्ली लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज जी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष श्री आतिफ रशीद, दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष श्री अनीस अब्बासी एवं अन्य गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।