केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुए चर्चा का जवाब दिया। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस पर अपना जवाब देना शुरू किया, विपक्ष ने राज्यसभा में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के “पीएम को बुलाओ” के नारे लगाने पर गृह मंत्री अमित शाह ने पूछा कि प्रधानमंत्री को बुलाने की क्या ज़रूरत है, उन्होंने लोकसभा में जवाब दिया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान अमित शाह के भाषण के दौरान अपनी ओर से भारी नारेबाजी के बीच खड़े हो गए और कहा कि वे लंबे समय से मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी सदन में आएं और सभी सवालों का जवाब दें।
इसे भी पढ़ें: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में उठे सुलगते सवालों के मिले अस्पष्ट जवाबों के गम्भीर वैश्विक मायने को ऐसे समझिए
विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री से जवाब की मांग किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को सूचित किया था कि प्रधानमंत्री अपने कार्यालय में मौजूद हैं। बाद में विपक्ष ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव, आतंकवादियों को कड़ी टक्कर देने के लिए एक साथ आए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद के प्रायोजकों और आतंकवादियों, दोनों का सफाया कर दिया गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने पुष्टि की है कि पहलगाम हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया था। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके मुख्यालय पर हमला करने का फैसला लिया और हम इसमें सफल रहे। हमने ट्रिगर दबाने वालों और आदेश देने वालों, दोनों को मार गिराया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव मिलकर दुनिया में कहीं भी आतंकवाद के खिलाफ सबसे कठोर प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद से लड़ने का भारत का संकल्प बेजोड़ है।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा को बताया कि ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। शाह ने कहा कि पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि मैंने खुद जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। हमने न सिर्फ़ आतंकवादियों को पकड़ने का, बल्कि उन्हें पाकिस्तान भागने से रोकने का भी संकल्प लिया था—और हम दोनों मोर्चों पर कामयाब रहे। शाह ने संसद को बताया कि फोरेंसिक मिलान से पुष्टि हुई है कि मारे गए आतंकवादियों से बरामद राइफलें वही थीं जिनका इस्तेमाल पहलगाम हत्याकांड में किया गया था। उन्होंने कहा कि अब कोई बहस या संदेह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि 155 लोगों से पूछताछ की गई और आश्रय प्रदाताओं की भी पहचान कर उनकी जाँच की गई।
अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वे आतंकवादियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, “आप किसे बचाना चाहते थे – लश्कर-ए-तैयबा को?” और आगे कहा कि ऑपरेशन महादेव ने उसी दिन हमलावरों को मार गिराया जिस दिन सवाल उठाए गए थे। उन्होंने कहा, “चिदंबरम के बयान ने कांग्रेस को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है।” शाह ने कहा कि “हर हर महादेव” सिर्फ़ एक धार्मिक नारा नहीं था, बल्कि शिवाजी महाराज और उनकी सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए शस्त्रों का आह्वान था। उन्होंने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कहा, “यह भारत की शक्ति, संकल्प और क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है।”
ऑपरेशन महादेव में हुई हत्याओं के समय पर सवाल उठाने वाले आलोचकों पर अमित शाह ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्यसभा में कहा, “आप मुहूर्त पूछ रहे हैं?” उन्होंने कहा कि मैं तो उन्हें उसी पल मार देना चाहता था। उन्होंने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से ज़्यादा वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कल आप (कांग्रेस) पूछ रहे थे कि वे (पहलगाम के आतंकवादी) आज ही क्यों मारे गए? उन्हें कल क्यों नहीं मारा जाना चाहिए था? क्योंकि राहुल गांधी को अपना भाषण देना था? ऐसे नहीं चलता। पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का खात्मा नहीं, बल्कि राजनीति, वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति है।
इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर के संसद में दिये गये भाषणों का पूरा निचोड़ ये रहा
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हत्याकांड का मकसद यह डरावना संदेश देना था कि कश्मीर में आतंकवाद हमेशा मौजूद रहेगा। उन्होंने राज्यसभा में कहा, “इससे मुझे बहुत दुख हुआ। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है, चाहे वे कुछ भी कोशिश करें।” उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कश्मीर से आतंकवाद खत्म होकर रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर’ पर पीएम मोदी ने जनभावना के अनुरूप जवाब दिया। सैन्यबलों को कार्रवाई की पूरी छूट दी।