भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने मांग की कि सरकार विभिन्न भोजनालयों, चाहे वे होटल, रेस्तरां या ढाबे हों, में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों को विनियमित करने के लिए एक कानून बनाए। उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि किसी भी खाद्य पदार्थ या व्यंजन की कीमतों और गुणवत्ता में कोई एकरूपता नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं आपको ढाबे में समोसा X दर पर मिलता है, जबकि कहीं आपको Y दर पर मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि समोसे का आकार भी अलग-अलग होता है।
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रवि किशन ने कहा कि कुछ दुकानों पर ‘दाल तड़का’ 100 रुपये में मिलता है, जबकि अन्य जगहों पर 120 रुपये में और होटल में 1,000 रुपये में मिलता है। उन्होंने दावा किया कि मुंबई में वड़ा पाव खाएंगे वहां अलग कीमत है, फाइव स्टार में जाओ, वहां अलग है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चांदनी चौक में देखें तो समोसा अलग रेट में मिलता है, जबकि गोरखपुर में गोल बाजार में इसका रेट अलग है। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं, लेकिन इस क्षेत्र पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं मांग करता हूं कि सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों, उनकी गुणवत्ता और मात्रा को विनियमित करने के लिए एक कानून लाए ताकि ग्राहकों को ये किफायती दामों पर मिल सकें। बाद में उन्होंने एक्स पर लिखा कि देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो। मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं, जिससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है। मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे:मेन्यू में मूल्य के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की मात्रा का भी उल्लेख हो। उपयोग किए गए तेल या घी की जानकारी भी दी जाए। ग्राहक का अधिकार है कि वह जाने कि वह कितनी मात्रा के लिए कितना भुगतान कर रहा है।
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एक अन्य भाजपा सांसद दामोदर अग्रवाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र भीलवाड़ा, राजस्थान में जिंदल सॉ लिमिटेड द्वारा किए गए अवैध खनन और विस्फोट का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध खनन से पारिस्थितिकी क्षति और पर्यावरण प्रदूषण हुआ है। अग्रवाल ने दावा किया कि तीव्र विरोध के बावजूद खनन बेरोकटोक जारी है और उन्होंने केंद्र से इसे रोकने के लिए कार्रवाई करने की मांग की।