असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस का तंत्र’’ राज्य के विकास के खिलाफ है और विपक्षी पार्टी चाहती है कि युवा उग्रवाद की ओर लौटें।
शर्मा ने यह टिप्पणी कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियंक खरगे के कथित बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए की, जिसमें उन्होंने कहा था कि दक्षिणी राज्य के लिए होने वाले निवेश को केंद्र द्वारा दबाव डाले जाने के बाद गुजरात और असम की ओर मोड़ दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि प्रियंक खरगे, (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) गौरव गोगोई और पूरा कांग्रेसी तंत्र असम का विकास नहीं चाहता। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि उद्योग केवल कर्नाटक में ही जाएंगे। क्या वे यह मांग करते हैं कि सभी उद्योग वहां लगना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है?
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा है, तो कल असम के लोग कहेंगे कि वे भारत के साथ नहीं रहेंगे। जब हमारे युवा कर्नाटक जाते हैं, तो वे मांग करते हैं कि उनके स्थानीय युवाओं को नौकरियां मिलें। फिर हमारे लड़के कहां जाएंगे?
उन्होंने कहा कि खरगे की और उनके समर्थन में गोगोई की टिप्पणियां पूर्वोत्तर राज्य का घोर अनादर है।
शर्मा ने आरोप लगाया, प्रियंक खरगे ने असम के युवाओं का मनोबल गिराया है। नतीजतन, असम के युवा उग्रवादियों के रूप में उल्फा और जंगल में जाएंगे। वे असम में शांति नहीं चाहते हैं। आज हम असम के युवाओं को उग्रवाद से वापस ला रहे हैं, लेकिन कांग्रेस युवाओं को उग्रवाद की ओर धकेलना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से असम के हितों के खिलाफ रही है। शर्मा ने दावा किया, ‘‘वे असम में कोई उद्योग नहीं चाहते। यह प्रियंक खरगे द्वारा हमारे देश के राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध एक ज़बरदस्त प्रयास है।’’
उन्होंने कहा कि कर्नाटक का आईटी उद्योग दूसरे राज्यों के युवाओं द्वारा चलाया जा रहा है क्योंकि इसमें मानव संसाधनों की कमी है।
मुख्यमंत्री कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों में उद्योग स्थापित करना किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है और कांग्रेस को खुश होना चाहिए तथा असम में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए टाटा को धन्यवाद देना चाहिए।
असम में सेमीकंडक्टर इकाई जैसे बड़े प्रौद्योगिकी-संचालित उद्योग स्थापित करने के मुद्दे पर दोनों राज्यों के नेताओं के बीच वाकयुद्ध जारी है।

