Wednesday, February 5, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयकांग्रेस, ओवैसी की AIMIM! बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर में ताबड़तोड़ वोटिंग, मुस्लिम मतदाताओं...

कांग्रेस, ओवैसी की AIMIM! बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर में ताबड़तोड़ वोटिंग, मुस्लिम मतदाताओं ने पलट दिया 70 सीटों पर चुनाव?

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान चल रहा है। जंगपुरा, सीलमपुर और चिराग दिल्ली में मतदान केंद्रों पर फर्जी मतदान और अवैध नकदी वितरण के आरोपों के बीच सुबह 11 बजे तक 20 प्रतिशत मतदान हुआ।  कहा जाता है कि जब जनता को सत्ता परिवर्तन करना होता है तो वो उत्साहित होती है और बड़ी संख्या में वोट करती है। वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का वैसे तो आम तौर माना जाता रहा कि ये सत्ता परिवर्तन का संकेत है। लेकिन हालिया दौर में ये मिथक भी कई बार टूटते नजर आए हैं। वैसे भी दिल्ली की जिस तरह की पहचान है जहां सारे फॉर्मूले फेल हो जाते हैं। दिल्ली में कुल 13 प्रतिशत मुस्लिमों की कुल आबादी है। 70 में से 12 सीटें सुरक्षित हैं। दलित और मुस्लिम वोटर निर्णायक रहते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Delhi Elections: वोट डालने के बाद बोलीं आतिशी, ये चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं, धर्मयुद्ध है

मुस्लिम बहुल इलाकों में बंपर वोटिंग

मुस्तफाबाद में वोटिंग अच्छी खासी हो रही है। वहां के मतदाताओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। खबरों के अनुसार अभी तक वहां 27 फीसदी वोटिंग हो चुकी है। वहीं सीलमपुर में 24.95 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वहीं बाबरपुर में तो 30 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा पार होता नजर आया। सीलमपुर में बुर्के को लेकर बवाल मचा और कहा गया कि बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग की जा रही है। बीजेपी ने मामले को लेकर हो हल्ला मचाया तब जाकर सुरक्षाबलों की मौजूदगी वहां पर बढ़ा दी गई है। आपको बता दें कि पिछली बार मटियामहल सीट पर 70 प्रतिशत से भी अधिक का वोटिंग पर्सेंटेंज गया था। आम आदमी पार्टी को मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट अच्छे मिलते रहे हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस भी कोशिश कर रही है। एआईएमआईएम भी मैदान में है। सभी नेताओं के अपने अपने वोट को निकालने की होड़ है। 

इसे भी पढ़ें: ‘मतदान केंद्र पर लोगों को वोट डालने से रोकने की हो रही कोशिश’, Delhi Police पर सौरभ भारद्वाज का आरोप

आप ने पांच सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें मध्य दिल्ली में मटिया महल और बल्लीमारान, दक्षिण पूर्व दिल्ली में ओखला और उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीलमपुर और मुस्तफाबाद शामिल हैं। पार्टी ने 2020 के चुनावों में भी इन पांच मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम चेहरों को नामांकित किया था, जब उन सभी ने भारी अंतर से अपनी सीटें जीती थीं। दलितों और झुग्गी-झोपड़ी या झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के साथ, मुस्लिम समुदाय, जो दिल्ली के 1.55 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 13% है, ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आप की जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब पार्टी ने क्रमशः 70 में से 67 और 62 सीटें हासिल की थीं।

2015 के चुनावों से पहले, मुस्लिम मतदाताओं को दिल्ली में कांग्रेस के मजबूत समर्थन आधार का हिस्सा माना जाता था, जिसने 1998-2013 के दौरान लगातार तीन बार शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी की जीत को बढ़ावा दिया। जबकि प्रमुख पार्टियों ने 2020 के दिल्ली चुनावों में कुल मिलाकर 16 मुस्लिम चेहरों को नामांकित किया था, इस बार उन्होंने इस संख्या को दोगुना करके 32 कर दिया है, साथ ही विभिन्न छोटी पार्टियों ने भी समुदाय के वोट में हिस्सेदारी पर नजर रखते हुए कई मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 2020 के चुनावों में कांग्रेस ने केवल पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था – उन्हीं सीटों पर जहां AAP के मुस्लिम चेहरे विजेता बनकर उभरे थे। सीलमपुर को छोड़कर इन सीटों पर कांग्रेस का वोट शेयर बहुत कम था, जहां उसे 15.61% वोट मिले थे। पार्टी 2015 की हार को दोहराते हुए चुनाव में अपना खाता खोलने में विफल रही थी। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments