Tuesday, December 30, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीय"काउबॉय कूटनीति" के 1 साल: ट्रम्प ने अपनी नीतियों से कैसे दुनिया...

“काउबॉय कूटनीति” के 1 साल: ट्रम्प ने अपनी नीतियों से कैसे दुनिया में मचाया हड़कंप!

अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के समापन में अब एक महीने से भी कम समय बचा है। इस अवधि को ‘टैरिफ, व्यापार और नखरे’ शीर्षक से बेहतर तरीके से वर्णित नहीं किया जा सकतायह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के शासन दृष्टिकोण का सटीक सार है, जो उन्हें उन अनपेक्षित स्थानों तक ले जा रहा है जिनकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा राष्ट्रपति कार्यकाल उथल-पुथल से भरा रहा है। व्हाइट हाउस में दूसरी बार प्रवेश करते ही उन्होंने एक ऐसी ‘गैर-राष्ट्रपति शैली’ अपनाई है, जिसे कुछ विशेषज्ञ ‘काउबॉय कूटनीति’ कहते हैं। अभी उनके पास पूरा तीन साल का समय शेष है।

इसे भी पढ़ें: एक लकीर खींच इजरायल ने 21 देशों की संसद में ला दिया भूचाल, भारत बैठे-बैठे होगा मालामाल, मोदी के दोस्त ने कैसे पलटा खेल

कानूनी प्रोटोकॉल को बार-बार तोड़ते हुए और कई मामलों को अदालतों तक ले जाते हुए, ट्रंप ने व्हाइट हाउस का संचालन उच्च जोखिम वाले सौदों की दृष्टि से किया हैचाहे बात व्यापार की हो, युद्धविराम की हो या दंडात्मक टैरिफ की। उनके दूसरे प्रशासन का शासन मॉडल अब पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप ने प्रक्रिया के बजाय गति, समझौते के बजाय दबाव और सिद्धांतों के बजाय सौदों को प्राथमिकता दी है।

इसे भी पढ़ें: Netanyahu से मुलाकात के दौरान Donald Trump ने दोहराया भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष समाप्त कराने का दावा

आक्रामक टैरिफ, कठोर आव्रजन नीतियों, लेन-देन आधारित कूटनीति और राष्ट्रपति शक्तियों के विस्तार तकपिछले एक वर्ष ने अमेरिका के अपने भीतर और विश्व के साथ जुड़ाव के तरीके को ही पुनर्परिभाषित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक रूप से अपरिहार्य बना हुआ है, लेकिन ट्रंप द्वारा खुद को ‘शांति के राष्ट्रपति’ के रूप में प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी नीतियों ने अमेरिका की विश्वसनीयता, स्थिरता और नेतृत्व की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है।

विदेश नीति विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव इस पहले वर्ष को उच्च प्रभाव वाला, तीव्र गति वाला और विघटनकारी बताते हैं, जो गहन तैयारी, वफादार प्रशासन और कार्यकारी अधिकारों के अभूतपूर्व उपयोग से संचालित है। वहीं, पश्चिम एशिया रणनीतिकार वाएल अव्वाद के अनुसार, वर्तमान प्रशासन एक ‘धमकाने वाली शक्ति’ की तरह अधिक कार्य कर रहा है। इसका परिणाम एक ऐसा परिदृश्य है जिसमें सफलताएं और नकारात्मक प्रतिक्रियाएं दोनों मौजूद हैं, तथा रणनीतिक साझेदारों और व्यापारिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच की रेखा धुंधली पड़कर एक एकल, लेन-देन केंद्रित वास्तविकता में बदल गई है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments