अवैध खनन से जुड़े भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बुधवार को एक संगठित वसूली रैकेट का भंडाफोड़ कर एक अज्ञात जिला खनन अधिकारी समेत छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस ने कहा कि यह रैकेट कथित तौर पर भारी रिश्वत के बदले क्षमता से अधिक बालू लदे ट्रकों को फतेहपुर के रास्ते गुजारने की सुविधा देता है।
उसने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ लखनऊ इकाई ने फतेहपुर के असोथर मार्ग के जरिए बालू लदे ट्रकों के आवागमन से कथित तौर पर वसूली करने वाले अधिकारियों और दलालों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
अधिकारियों ने बताया कि थरियाव पुलिस थाने में एक जिला खनन अधिकारी, उसके गनर राजू, एक आरटीओ अधिकारी के ड्राइवर जिसकी पहचान बबलू पटेल उर्फ श्यामू के रूप में की गई है और दो अन्य- धीरेंद्र सिंह और मुकेश तिवारी और ट्रक ड्राइवर विक्रम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एसटीएफ के निरीक्षक दीपक सिंह की शिकायत के मुताबिक, यह सिंडीकेट बांदा जिले से अवैध खनन सामग्री के परिवहन के लिए प्रति ट्रक करीब 5,000 रुपये की वसूली किया करता था।
पूछताछ में आरोपी धीरेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि यह समूह व्यवस्थित तरीके से ओवरलोड ट्रकों से पैसे की वसूली करता था। शुरुआती जांच से खनन और परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत मिलता है।
एसटीएफ ने अभी तक धीरेंद्र सिंह और विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया है। ये दोनों फतेहपुर के निवासी हैं, साथ ही एसटीएफ ने बालू लदा एक ट्रक बरामद किया है।

