एच-1बी वीजा कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, ट्रम्प प्रशासन वीजा लाभार्थियों के चयन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लॉटरी प्रणाली को एक ऐसी प्रक्रिया से बदल रहा है जो उच्च कौशल और उच्च वेतन वाले व्यक्तियों को वीजा आवंटन में प्राथमिकता देगी। यह नया दिशानिर्देश ट्रंप प्रशासन द्वारा कानूनी और अवैध दोनों तरह के आव्रजन, साथ ही एच-1बी वीजा पर की जा रही कड़ी कार्रवाई के बीच आया है। एच-1बी वीजा का इस्तेमाल अमेरिका में कंपनियां विदेशी प्रतिभाओं को नियुक्त करने के लिए करती हैं। भारतीय पेशेवर अमेरिका में एच-1बी वीजा धारकों के सबसे बड़े समूह में शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: Epstein case: अमेरिका में नई फाइलें जारी, रेडैक्शन और गायब दस्तावेज़ों पर विवाद
अब तक इस वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें किस्मत के आधार पर आवेदकों का चुनाव होता था। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने इसे खत्म कर ‘मेरिट’ यानी योग्यता और ऊंचे वेतन को आधार बनाने का फैसला किया है। सरकार का तर्क है कि पुराने सिस्टम का फायदा उठाकर कंपनियां कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को बुलाती थीं, जिससे अमेरिकी कामगारों के हितों को नुकसान पहुंचता था। अब नए नियमों के तहत केवल उन्हीं लोगों को प्राथमिकता मिलेगी जिनके पास विशेष हुनर होगा और जिन्हें कंपनियां अधिक वेतन देने को तैयार होंगी।
इसे भी पढ़ें: बीच समुंदर अमेरिका ने दिखाई दादागिरी, वेनेजुएला के तेल टैंकर को किया जब्त
जारी बयान में अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने कहा कि एच1-बी वीजा की चयन प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। अब ज्यादा कुशल और ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों को पहले मौका दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इसका मकसद अमेरिकी कामगारों के वेतन, काम करने की स्थिति और नौकरी के अवसरों की रक्षा करना है। नया नियम 27 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2027 की एच-1बी वीज़ा पंजीकरण प्रक्रिया में इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इसके तहत वीजा पाने वालों का चयन अब लॉटरी से नहीं होगा, बल्कि अधिक कौशल वाले लोगों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें: अमेरिकी नौसेना के लिए बनेगा नया युद्धपोत, ट्रंप ने गोल्डन फ्लीट योजना का किया ऐलान
एजेंसी ने कहा कि एच-1बी वीजा के लिए लॉटरी प्रणाली का काफी दुरुपयोग हो रहा था और कुछ कंपनियां इसका इस्तेमाल कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को रखने के लिए कर रही थीं। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने कहा कि अमेरिकी नियोक्ताओं मौजूदा लॉटरी प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे अमेरिकी कामगारों की तुलना में कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को लाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नयी चयन प्रक्रिया एच-1बी कार्यक्रम को संसद की मंशा के अनुसार बेहतर बनाएगी और अमेरिकी कंपनियों को अधिक वेतन पाने वाले, अधिक कुशल विदेशी कर्मचारियों को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता मजबूत होगी।

