केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि केरल केंद्रीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन करने संबंधी विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बन गया है।
केरल विधानसभा ने राज्य में मानव-पशु संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से बुधवार को एक विधेयक पारित किया।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट साझा करके कहा कि केरल वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक का पारित होना बढ़ते मानव-पशु संघर्षों को दूर करने और वन के पास रहने वाले समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये सुधार मानव जीवन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा और लोगों एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने की केरल की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विधेयक को राजभवन भेजा जाएगा जो इसे राष्ट्रपति के पास भेजेगा क्योंकि यह केंद्रीय कानून से संबंधित है।
यह विधेयक पिछले महीने विधानसभा में पेश किया गया था।
राज्य के वन मंत्री ए. के. शशींद्रन ने एक दिन पहले विधानसभा को सूचित किया था कि राज्य सरकार को इस केंद्रीय अधिनियम में संशोधन के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद समय पर बदलाव नहीं किए गए।
उन्होंने कहा कि मानव-पशु संघर्ष एक ऐसा मुद्दा है जो राज्य की एक-तिहाई आबादी के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।