केरल में 26 वर्षीय अनंथु अजी की दुखद आत्महत्या ने राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक विस्तृत सुसाइड नोट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बचपन से ही एक पड़ोसी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अन्य सदस्यों द्वारा वर्षों तक यौन और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। नोट में लिखा है कि मैं किसी से नाराज़ नहीं हूँ, सिवाय एक व्यक्ति और एक संगठन के… आरएसएस से जिससे मेरे पिता (जो एक बहुत अच्छे इंसान थे) ने मुझे जोड़ा था। यहीं मुझे जीवन भर का सदमा झेलना पड़ा है। इन आरोपों पर प्रियंका गांधी जैसी राजनीतिक हस्तियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और पूरी जाँच की माँग की है। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने भी अनंथु की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की है।
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा अपने सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों को संदिग्ध और निराधार बताया है। 9 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम में मरने वाले इस व्यक्ति ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरएसएस के कई सदस्यों ने उसका यौन शोषण किया था।
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13 अक्टूबर को जारी एक प्रेस बयान में आरएसएस ने कहा कि उसने कोट्टायम के जिला पुलिस प्रमुख के समक्ष एक याचिका दायर कर इस मामले की निष्पक्ष जाँच की माँग की है। दक्षिण केरलम के सह प्रांत कार्यवाह केबी श्रीकुमार ने अपने बयान में कहा हमारा दृढ़ विश्वास है कि एक स्वतंत्र जाँच से न केवल उसकी अप्राकृतिक मृत्यु का वास्तविक कारण सामने आएगा, बल्कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में आरएसएस की निर्दोषता भी सुनिश्चित होगी।