महाराष्ट्र सरकार ने पुणे जिले के कोरेगांव भीमा गांव में एक जनवरी 2018 को हुई हिंसा की तफ्तीश कर रहे जांच आयोग को तीन महीने का नया विस्तार दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि कोरेगांव भीमा जांच आयोग को पहले 31 जुलाई तक का विस्तार दिया गया था। अब आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 अक्टूबर तक का विस्तार दिया गया है।
पुणे में एल्गार परिषद सम्मेलन के एक दिन बाद एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी।
दलित बड़ी संख्या में इस स्मारक पर आते हैं क्योंकि यह 1818 में पुणे के ब्राह्मण पेशवा शासकों की सेना पर ब्रिटिश सेना की विजय का स्मरण कराता है।
ब्रिटिश सेना में दलित सैनिक भी शामिल थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक का दो सदस्यीय आयोग उन परिस्थितियों की जांच कर रहा जिनकी वजह से हिंसा हुई थी।