ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है। जो लोग आज पूछ रहे हैं कि पीओके वापस क्यों नहीं लिया गया, उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि किसकी सरकार ने पाकिस्तान को पीओके पर कब्जा करने का मौका दिया। जवाब स्पष्ट है। जब भी मैं नेहरू जी का जिक्र करता हूं, कांग्रेस और उसका तंत्र घबरा जाता है। ‘लम्हों ने खाया की, सदियों ने सजा पाई’। आज तक देश आजादी के बाद लिए गए सभी फैसलों की सजा भुगत रहा है।
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विपक्ष पर वार करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवादी रो रहे हैं, उनके आका रो रहे हैं और उन्हें रोता देख, कुछ लोग यहां भी रो रहे हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान एक खेल खेलने की कोशिश की, वह काम नहीं आया। हवाई हमले के दौरान, उन्होंने एक और खेल खेलने की कोशिश की। वह भी काम नहीं आया। जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उन्होंने एक नई रणनीति अपनाई – “आप रुक क्यों गए?”…वाह रे बयान बहादुरों! आपको विरोध करने के लिए एक या दूसरे बहाने की आवश्यकता होती है। इसलिए, केवल मैं ही नहीं, बल्कि पूरा देश आप पर हंस रहा है।
मोदी ने कहा कि एक तरफ भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है। दुर्भाग्य से कांग्रेस पाकिस्तान से मुद्दे आयात कर रही है। उन्होंने कहा कि देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। वो कह रहे हैं कि पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तान से थे। इसका सबूत दीजिए। पाकिस्तान भी वही मांग कर रहा है जो कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे द्वारा कल लोकसभा में दिए गए उस बयान पर, जिसे अब हटा दिया गया है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें यह कहलवाने के लिए मजबूर किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘तमाशा’ था। यह आतंकवादियों द्वारा मारे गए 26 लोगों के घावों पर तेजाब डालने जैसा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों का विरोध करना और उनके प्रति नकारात्मकता कांग्रेस का पुराना रवैया रहा है। पाकिस्तान के सभी बयानों और यहां हमारा विरोध करने वालों के बयानों को उठा लीजिए, वे पूर्ण विराम और अल्पविराम के साथ बिल्कुल एक जैसे हैं। उन्होंने कहा कि देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। वे इस बात का सबूत मांगने की हिम्मत करते हैं कि पहलगाम के हमलावर पाकिस्तान से थे। उन्होंने दावा किया कि मैंने पहले भी कहा है कि भारत युद्ध की नहीं, बल्कि बुद्ध की भूमि है। हम समृद्धि और शांति चाहते हैं। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि समृद्धि और शांति का मार्ग शक्ति से होकर गुजरता है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की कमज़ोर सरकारों की वजह से देश को कई जानें गँवानी पड़ीं, हमें अपनों को खोना पड़ा। आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमारी सरकार ने 11 सालों में ये कर दिखाया, ये इसका बड़ा सबूत है…कांग्रेस के राज में आतंकवाद के फलने-फूलने का एक बड़ा कारण उनकी तुष्टिकरण की राजनीति है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों तक युद्ध और छद्म युद्ध करता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने न तो सिंधु जल समझौते की समीक्षा की, न ही नेहरू जी की उस बड़ी गलती को कभी सुधारा। लेकिन अब भारत ने वह पुरानी गलती सुधारी है — ठोस निर्णय लिया है। नेहरू जी द्वारा किया गया वह ऐतिहासिक ब्लंडर — सिंधु जल समझौता — अब राष्ट्रहित और किसानों के हित में abeyance में रख दिया गया। देश का अहित करने वाला यह समझौता अब इस रूप में आगे नहीं चल सकता। भारत ने साफ कर दिया है — खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।