दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लगातार तीसरी अपमानजनक हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने सोमवार को कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि क्या वह गठबंधन की राजनीति करना चाहती है या अकेले चुनाव लड़ना चाहती है। उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बुनियादी बदलाव की भी मांग की, हालांकि इसके बारे में उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया। बिहार के कटिहार से पार्टी के सांसद अनवर ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति स्पष्ट करने की जरूरत है। उसे यह तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति करेगी या अकेले चुनाव लड़ेगी।”
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पूर्व कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसके अलावा, पार्टी के संगठन में बुनियादी बदलाव करना भी जरूरी हो गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन, जिसके नतीजे शनिवार को घोषित किए गए, जारी रहा क्योंकि पार्टी लगातार तीसरी बार एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना यह है कि दिल्ली में उसके वोट शेयर में केवल 2 प्रतिशत का मामूली सुधार हुआ। कांग्रेस को अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसनी है, जो कुछ महीनों में होने वाला है। पार्टी का बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन है।
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कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्त्व अधिनियम, 2010’ में संशोधन की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की घोषणा एक ‘‘यू-टर्न’’ (पहले के रुख से पलटी मारना) है तथा इसका मकसद फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करना है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। पार्टी महसचिव जयराम रमेश ने इस बात का उल्लेख भी किया कि आठ फरवरी, 2015 को विदेश मंत्रालय ने ‘परमाणु क्षति अधिनियम 2010 और संबंधित मुद्दों के लिए नागरिक दायित्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर’ नामक एक पुस्तिका जारी की थी।