Sunday, June 1, 2025
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गणेश जयंती 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व

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सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं, जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है। विशेष रूप से महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाने की परंपरा है।

इस साल गणेश जयंती 1 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन गणपति बप्पा की आराधना और मंत्र जाप करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं गणेश जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि और इसका धार्मिक महत्व।

गणेश जयंती 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • गणेश जयंती तिथि प्रारंभ: 1 फरवरी 2025, सुबह 11:38 AM
  • गणेश जयंती तिथि समाप्त: 2 फरवरी 2025, सुबह 09:14 AM
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: 1 फरवरी 2025, सुबह 11:38 AM से 01:40 PM तक

गणेश जयंती 2025: पूजन सामग्री सूची

  • गणेश प्रतिमा या चित्र
  • लाल/पीला वस्त्र
  • धूप, दीप, कपूर
  • फूल, माला, दूर्वा (21 दूर्वा विशेष रूप से अर्पित करें)
  • मोदक, लड्डू या तिल के लड्डू
  • रोली, अक्षत (चावल)
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल)
  • नारियल, सुपारी और पान
  • चंदन और हल्दी

गणेश जयंती 2025: पूजाविधि

  1. प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. घर के मंदिर को साफ करें और पूजन स्थल पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
  3. गणपति बप्पा की प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित करें।
  4. भगवान गणेश को धूप, दीप, पुष्प, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें।
  5. मोदक, लड्डू या तिल के लड्डू का भोग लगाएं।
  6. गणेश मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
  7. दिनभर फलाहार व्रत रखें और संध्या के समय पुनः भगवान गणेश की पूजा करें।
  8. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें और इसके बाद व्रत का पारण करें।

गणेश जयंती 2025: विशेष मंत्र

  1. ऊँ गं गणपतये नमः।
  2. ऊँ वक्रतुण्डाय हुं।
  3. ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।

गणेश जयंती का धार्मिक महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ शुक्ल चतुर्थी के दिन माता पार्वती ने अपने उबटन से भगवान गणेश को उत्पन्न किया था, इसलिए यह दिन गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

गणेश जयंती के दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है, कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में धन, वैभव और समृद्धि का संचार होता है। गणपति बप्पा की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और भक्तों को शुभ फल प्राप्त होते हैं।

गणपति बप्पा मोरया! 🙏

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