भारत और फ्रांस मोंट-डे-मार्सन में ‘गरुड़’ वायु युद्ध अभ्यास की शुरुआत करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच सैन्य अंतर-संचालन और समन्वय को बढ़ाया जा सके और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा दिया जा सके। भारतीय वायुसेना ने 16 से 27 नवंबर तक फ्रांस में फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के साथ गरुड़ अभ्यास के आठवें संस्करण के लिए छह सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनके साथ आईएल-78 मिड-एयर रिफ्यूलिंग और सी-17 ग्लोबमास्टर-III स्ट्रेटेजिक लिफ्ट विमान भी मौजूद हैं। इस अभ्यास के दौरान, सुखोई, राफेल जैसे फ्रांसीसी बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के साथ जटिल कृत्रिम हवाई युद्ध परिदृश्यों में काम करेंगे, और हवा से हवा में युद्ध, वायु रक्षा और संयुक्त हमला अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य एक यथार्थवादी परिचालन वातावरण में रणनीति और प्रक्रियाओं को परिष्कृत करना, आपसी सीखने को सक्षम बनाना और भारतीय वायुसेना और एफएएसएफ के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना है।
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भारतीय वायु सेना ने रविवार को फ्रांस के मॉट-डे-मार्सन (Mont-de-Marsan) एयर बेस में फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल के साथ द्विपक्षीय वायु अभ्यास ‘गरुड़ 25’ किया। यह 27 नवंबर तक चलेगा, जिसमें भारतीय वायु सेना की एक विशेष टुकड़ी हिस्सा ले रही है। भारतीय वायुसेना ने इस अभ्यास के लिए सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। अभ्यास के दौरान लड़ाकू विमानों की रेंज बढ़ाने के लिए हवा में ही ईंधन भरने का अभ्यास भी शामिल है, जिसके लिए IL-7S टैंकर विमान काम कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास में भारतीय सुखोई और फ्रांसीसी बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान मिलकर जटिल हवाई युद्ध परिदृश्यों पर अभ्यास कर रहे हैं।
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भारत-श्रीलंका के सैनिकों की भी ट्रेनिंग
भारत और श्रीलंका की सेनाएं कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे संयुक्त अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ में मुश्किल हालात में काम करने की ट्रेनिंग ले रही है। यहां सैनिक जहरीले सांपों से निपटने, जगल में रहने, आश्रय बनाने और फिटनेस ड्रिल्स जैसी गतिविधियां कर रहे है।

