गोवा सरकार ने गंभीर और गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के शीघ्र निदान में मदद के लिए एक दीर्घावधि अध्ययन को लेकर टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की है।
बीस साल के इस अध्ययन के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, टाटा मेमोरियल सेंटर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए गए।
इस अध्ययन में प्रारंभिक चरण में तीन वर्षों तक हर साल 40,000 लोगों का औचक आधार पर नमूना लिया जाएगा।
दीर्घावधि के इस अध्ययन में स्वास्थ्य परिणामों में परिवर्तन देखने के लिए एक ही समूह के लोगों पर लंबे समय तक अध्ययन किया जाएगा।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उपस्थिति में 11 मार्च को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
विशेषज्ञों के अनुसार, आंकड़ों से राज्य के खास क्षेत्रों में गैर-संक्रामक रोगों के लिए सामान्य जोखिम कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी। इससे शोधकर्ताओं को इन रोगों के विकास पर जीवनशैली, पर्यावरण और आनुवंशिक कारकों के प्रभाव का पता चलेगा।
गोवा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. शिवानंद बांदेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘अध्ययन में तीन साल में 1,20,000 मरीजों को शामिल किया जाएगा। नमूनों के लिए चार जगहों का चयन किया गया है, जिसमें वालपोई और संखालिम (उत्तरी गोवा) और दक्षिण गोवा में कैनाकोना और मडगांव शामिल हैं।