Monday, October 20, 2025
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घुसपैठियों की अब खैर नहीं, हर राज्य में बनेंगे डिटेंशन सेंटर, Immigration and Foreigners Act के सख्त प्रावधान देश में लागू

भारत सरकार ने हाल ही में लागू इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 के तहत विदेशियों के प्रवेश और ठहराव पर कई सख्त प्रावधान किए हैं। यह आदेश सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक व्यवस्था और संवेदनशील सीमाई इलाकों की सुरक्षा से जुड़ा है। यह प्रावधान स्पष्ट करता है कि भारत अब अपनी सुरक्षा नीतियों में किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। हम आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि विदेशियों पर अगर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, जासूसी, बलात्कार और हत्या, आतंकवादी कृत्यों, बाल तस्करी या किसी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने का आरोप सिद्ध होता है तो उन्हें भारत में प्रवेश करने या रहने की अनुमति देने से मना किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हाल ही में लागू किए गए आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन विदेशियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से समर्पित निरुद्ध केंद्र या हिरासत शिविर स्थापित करेगा, जब तक कि उन्हें निर्वासित नहीं कर दिया जाता। गृह मंत्रालय ने कहा कि जो भी विदेशी किसी भी श्रेणी के वीजा के लिए आवेदन करता है, जिसमें प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्डधारक के रूप में पंजीकरण भी शामिल है, उसे वीजा जारी करने वाली अथवा ओसीआई कार्डधारक के रूप में पंजीकरण प्रदान करने वाले प्राधिकरण को अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देने की अनुमति देनी होगी, और यह प्रक्रिया वीजा या पंजीकरण दिए जाने से पहले पूरी की जाएगी। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि भारत में अवैध प्रवासियों को पकड़ा जाता है, तो उन्हें निर्वासन (देश से वापस भेजे जाने) की प्रक्रिया पूरी होने तक किसी होल्डिंग सेंटर या शिविर में रखा जाएगा और उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

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हम आपको बता दें कि निर्दिष्ट सीमा सुरक्षा बल या तटरक्षक बल भारत में प्रवेश करने का प्रयास करने वाले अवैध आप्रवासियों को रोकने के लिए कदम उठाएंगे तथा केंद्र सरकार के निर्दिष्ट पोर्टल पर उनकी बायोमेट्रिक जानकारी और उपलब्ध जनसांख्यिकीय विवरण प्राप्त करने के बाद उन्हें वापस भेजेंगे। गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया, “किसी विदेशी को निम्नलिखित आधारों पर भारत में प्रवेश या रहने से मना किया जा सकता है, अर्थात- यदि उसे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों, जासूसी, बलात्कार और हत्या, मानवता के विरुद्ध अपराध, आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधि के आरोपों में दोषी ठहराया जाता है, जिसमें ऐसी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता या धन शोधन या हवाला की व्यवस्था करना शामिल है।”
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया, “मादक पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थों की तस्करी, बाल तस्करी सहित मानव तस्करी, नकली यात्रा दस्तावेजों और मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी सहित) में धोखाधड़ी, साइबर अपराध, बाल दुर्व्यवहार या ऐसे अपराधों में संलिप्त पाया जाना।” गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई भी विदेशी, जिसके पास भारत में रोजगार के लिए वैध वीजा हो, बिना नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के, बिजली या जल आपूर्ति से जुड़े निजी क्षेत्र के उपक्रमों या पेट्रोलियम क्षेत्र में कार्यरत किसी संस्था में रोजगार स्वीकार नहीं कर सकता।
आदेश में कहा गया, “कोई भी विदेशी व्यक्ति किसी फीचर फिल्म, वृत्तचित्र, रियलिटी टेलीविजन और वेब शो या सीरीज, व्यावसायिक टेलीविजन धारावाहिक या शो, वेब शो या सीरीज, या केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट किसी अन्य माध्यम या रूप में सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु सामग्री का निर्माण, निर्माण का प्रयास या निर्माण करवाने का कार्य केवल लिखित अनुमति प्राप्त करने के बाद ही कर सकता है और वह भी निर्धारित विशेष शर्तों के अधीन होगा।”
पर्वतारोहण अभियानों पर प्रतिबंध लगाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई भी विदेशी या विदेशी नागरिकों का समूह भारत में किसी भी पर्वत शिखर पर चढ़ाई नहीं कर सकता या चढ़ाई का प्रयास नहीं कर सकता, जब तक कि उन्हें केंद्र सरकार से पूर्व में लिखित अनुमति प्राप्त न हो। इसके साथ ही, उन्हें चढ़ाई के लिए अपनाए जाने वाले मार्ग का विवरण, एक संपर्क अधिकारी की नियुक्ति, और फोटोग्राफिक एवं वायरलेस संचार उपकरणों के उपयोग की जानकारी भी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा, प्रत्येक विदेशी को किसी संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने या वहां ठहरने के लिए परमिट प्राप्त करना अनिवार्य होगा। हालांकि, अफगानिस्तान, चीन या पाकिस्तान मूल के किसी भी व्यक्ति को ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत के प्रतिबंधित क्षेत्रों में पूरे अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम राज्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्से भी इन क्षेत्रों में आते हैं। इसके साथ ही आप्रवासन ब्यूरो भारत में प्रवेश प्रतिबंधित विदेशी व्यक्तियों की एक अपडेटेड सूची बनाएगा।
बहरहाल, यह नया कानून दिखाता है कि भारत अब विदेशियों की उपस्थिति और गतिविधियों को लेकर शून्य-सहनशीलता नीति की ओर बढ़ रहा है। बढ़ते आतंकी नेटवर्क, साइबर अपराध, अवैध आव्रजन और नकली दस्तावेजों की तस्करी जैसे खतरे सरकार को अधिक सतर्क रहने के लिए बाध्य कर रहे हैं। हालाँकि, इसके साथ यह चिंता भी जुड़ी है कि कड़े नियमों के कारण भारत की “सॉफ्ट पावर” यानी शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर नकारात्मक असर न पड़े। सरकार को यह संतुलन बनाए रखना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा भी सुरक्षित रहे और भारत की खुली एवं स्वागतकारी छवि भी बरकरार रहे। देखा जाये तो इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 भारत के सुरक्षा दृष्टिकोण को और कठोर बनाता है। यह कदम उन लोगों को रोकने के लिए है जो भारत में रहकर अपराध, आतंक या जासूसी जैसी गतिविधियाँ करना चाहते हैं। परंतु सरकार के लिए चुनौती यह रहेगी कि कड़े कानून का पालन करते हुए निर्दोष और वैध विदेशियों को अनावश्यक कठिनाइयों से बचाया जाए।
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