वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पुलिस बल का दुरुपयोग कर विरोधियों का दमन कर रहे हैं ताकि तानाशाही जैसा माहौल बनाया जा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के अपने दौरे के दौरान कथित तौर पर सामने आए कई उदाहरणों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘सवाल करने, विरोध करने और एकत्र होने का अधिकार लोकतंत्र का आधार है, जो नागरिकों को अपनी शिकायतें स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने और जवाबदेही की मांग करने का अधिकार देता है।’’
जगन ने कहा, ‘‘हालांकि, आंध्र प्रदेश में इस मौलिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाले सत्तावादी शासन के दबाव में बेरहमी से कुचला जा रहा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि जनता या विपक्ष द्वारा वैध चिंताओं को उठाने के हर प्रयास का दमन किया जाता है, उनका उत्पीड़न होता है और उन्हें मनमाने कानूनी मामलों का सामना करना पड़ता है। इससे असहमति के लिए कोई जगह नहीं बचती है।
विपक्षी नेता के मुताबिक लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पर कथित तौर पर जानबूझकर किया गया यह हमला राज्य में लोकतंत्र के मूल तत्व पर हमला है।
जगन ने 19 फरवरी को गुंटूर मिर्ची यार्ड, आठ अप्रैल को रामागिरी, 11 जून को पोडिली, 18 जून को सत्तेनापल्ली और नौ जुलाई को बंगारुपालयम के अपने दौरे और उसके बाद सरकार की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा कि इरादा स्पष्ट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष, जनता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के व्यवस्थित दमन पर आमादा है।
जगन के मुताबिक, मिर्च किसानों को उचित मूल्य दिलाने के मुद्दे पर वह गुंटूर मिर्ची यार्ड के दौरे पर गए थे और उस दौरान मामला दर्ज किया गया था।
इसी तरह की कार्रवाई रामगिरी दौरे के दौरान भी की गई, जब वह वाईएसआरसीपी बीसी नेता कुरुबा लिंगमैया के परिवार को सांत्वना देने गए थे, जिनकी कथित तौर पर सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा)के समर्थकों ने हत्या कर दी थी।
जगन के आरोपों पर चंद्र बाबू नायडू नीत तेदेपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।