भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नामीबिया पहुंचे। ये दौरा इस लिहाज के खास रहा क्योंकि भारतीय पीएम 27 साल के बाद नामीबिया गए हैं। कई एक्सपर्ट नामीबिया को ‘अफ्रीका का सऊदी अरब’ तक कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने विंडहोक में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत-नामीबिया द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी, रक्षा, सुरक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद संवेदना व्यक्त करने और समर्थन देने के लिए नामीबियाई नेता का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पिछले महीने अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे पर शोक व्यक्त करने के लिए नामीबिया सरकार को भी धन्यवाद दिया। बैठक के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी, रक्षा, सुरक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग हमारी चर्चा में प्रमुखता से शामिल रहा। उन्होंने कहा कि हमने व्यापार, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में संबंधों को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर भी चर्चा की।
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भारत-नामिबिया के बीच किन समझौतों पर हस्ताक्षर
प्रोजेक्ट चीता में नामीबिया की सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। स्टेट हाउस में वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग, नामीबिया में उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना, सीडीआरआई (आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन) फ्रेमवर्क और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन फ्रेमवर्क शामिल हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया की पहली और भारत से किसी प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है। पांच देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में ब्राजील से यहां पहुंचे मोदी ने राष्ट्रीय स्मारक हीरोज एकर में नामीबिया के संस्थापक सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
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पीएम मोदी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
नुजोमा ने 1990 में नामीबिया को स्वतंत्रता दिलाई और 15 वर्षों तक इसके राष्ट्रपति रहे थे। राष्ट्रपति नेंडी-नदैतवा के निमंत्रण पर यहां आए मोदी ने नामीबिया को अफ्रीका में एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय साझेदार बताया। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का स्टेट हाउस में स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया की पहली और भारत से किसी प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है।आगमन पर प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत किया गया और उन्होंने पारंपरिक नामीबियाई ढोल बजाने का अभ्यास किया।