राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर आए राजनीतिक संकट को लेकर बुधवार को एक फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के पाप से मुक्त नहीं हो सकते।’’
गहलोत ने बुधवार रात एक्स पर जारी एक बयान में कहा कि ‘‘राजस्थान में 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश करने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एक मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगाने पर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘वो यह बताएं कि यदि इतने ही ईमानदार हैं तो विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो की जांच के लिए आज तक वॉइस सैंपल क्यों नहीं दिया? संजय जैन वाले मुकदमे में वो बार-बार अदालत में वॉयस सैंपल देने का विरोध क्यों करते हैं? यदि वो ईमानदार हैं तो एक बार वॉइस सैंपल देकर अपनी ईमानदारी साबित करें।’’
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में राजस्थान सरकार गिराने के आरोपों पर अदालत के निर्णय पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बुधवार को जोधपुर में कहा, ‘‘अदालत ने एसीबी और सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन दबाया नहीं जा सकता।’’
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार बदलने के बाद पहले संजीवनी केस और अब दूसरे मामलों में जांच एजेंसियों पर दबाव डालकर तथ्य तोड़-मरोड़कर एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगाई जा रही है जिससे अदालत के सामने कोई और चारा नहीं बचता है।
गहलोत ने लिखा, ‘‘जुलाई-अगस्त 2020 में सरकार गिराने के लिए 30 विधायकों के समर्थन वापसी के दावे, 20 विधायकों को मानेसर ले जाना, अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और जफर इस्लाम से मुलाकात, कांग्रेस नेताओं पर ईडी, आईटी और सीबीआई के छापे, विधायकों को रिश्वत के मामले, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के ऊपर अचानक मुकदमे समेत सभी यादें प्रदेशवासियों के मन में ताज़ा हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल ने ही कुछ दिन पूर्व ही सरकार गिराने के संदर्भ में बयान दिया था कि उस समय वो भाजपा का सहयोग कर रहे थे।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘तब महीने भर पहले मध्य प्रदेश में जैसे सरकार गिराई गई थी, वही प्रयास राजस्थान में हुए, इसमें किसी को शक नहीं है। कांग्रेस आलाकमान और जनता के आशीर्वाद से वह प्रयास असफल हुआ था और हमारी सरकार पांच साल चली। इससे गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत सभी लोग मन मसोस कर रह गए।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘इस प्रकार गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते।