भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों के हवाले से बताया कि धनखड़ ने अपने इस्तीफे की रात से ही सामान पैक करना शुरू कर दिया था, जब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना पत्र भेजा था। 74 वर्षीय धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हुए थे। उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले वीपी एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था।
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वहीं, इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दक्षिण दिल्ली के छतरपुर एन्क्लेव स्थित एक निजी आवास में रहने के लिए तैयार हैं। बताया जा रहा है कि यह अभय सिंह चौटाला का फार्महाउस है। धनखड़ चौटाला के फार्महाउस में तब तक रहेंगे, जब तक उनको अधिकारिक सरकारी बंगला मिल नहीं जाता। उन्होंने राजस्थान विधानसभा के पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए भी दोबारा आवेदन किया है। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव 9 सितंबर को होने हैं और धनखड़ (74) को उससे पहले संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड स्थित उपराष्ट्रपति के सरकारी आवास को खाली करना होगा। धनखड़ पिछले साल अप्रैल में उपराष्ट्रपति के सरकारी आवास में रहने चले गए थे। सूत्रों के अनुसार, जब तक उन्हें सरकारी आवास नहीं मिल जाता, तब तक वे छतरपुर एन्क्लेव में ही रहेंगे।
नियमों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपतियों, उप-राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को टाइप-8 बंगला आवंटित किया जाता है। आवास की व्यवस्था आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय (संपदा निदेशालय) करता है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारियों ने धनखड़ से मुलाकात की थी, लेकिन उनके अगले आवास के विषय पर चर्चा नहीं हुई। धनखड़ के कार्यालय ने नियमों के अनुसार आवास के लिए औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया है। एक सूत्र ने बताया, “अनुरोध प्राप्त होने के बाद, पूर्व उपराष्ट्रपति के समक्ष उपलब्ध विकल्प प्रस्तुत किए जाते हैं। चयन के बाद, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग आवश्यक कार्य शुरू करता है, जिसमें संशोधन भी शामिल हैं। पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर कम से कम तीन महीने लगते हैं।”
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हालांकि, सूत्रों ने बताया कि चूँकि इस प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है, इसलिए धनखड़ ने अंतरिम रूप से एक निजी आवास का विकल्प चुना है। इस बीच, उन्होंने पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में फिर से आवेदन किया है।