भारत ने एक ऐसा ऑपरेशन शुरू कर दिया है जिसके जरिए पाकिस्तान जैसे आतंकी देश में गड्ढा खोदकर हमले किए जा सकते हैं। भारत ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस बात की पूरी गारंटी है कि भारत जो करने जा रहा है, उसमें 100 प्रतिशत सफलता मिलेगी। दरअसल, भारत एक ऐसा बम बना रहा है जो जमीन में सैकड़ों फीट नीचे घुसकर परमाणु अड्डे उड़ाकर आ सकता है। भारत को इजरायल और ईरान जंग से बहुत कुछ सीखने को मिला है। इस जंग में वर्षों बाद अमेरिकी सेना ने सीधा हमला किया। इजरायल ईरान जंग से सबसे अहम सीख ये मिली कि अब एयर डिफेंस सिस्टम और बैलेस्टिक मिसाइलों का जमाना आ गया है। भारत को दूसरी बड़ी सीख ये मिली कि दुश्मन देश के रिएक्ट करने से पहले ही उसके परमाणु बमों को नष्ट करना होगा। खासकर पाकिस्तान जैसे आतंकी देश ने जो जमीन के नीचे बने न्यूक्लियर फैसिलिटी में छिपा रखे हैं।
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ईरान के परमाणु फैसिलिटी को टारगेट करने के लिए अमेरिका की तरफ से इस्तेमाल किए गए बंकर बस्टर बम की चर्चा पूरी दुनिया में खूब हुई। बी2 बॉम्बर्स के अमेरिका द्वारा इस्तेमाल के बाद अब बंकर बस्टर जैसे हाईटेक बमों को लेकर दुनिया भर के देश अपनी रक्षा क्षमताओं का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। भारत ने अपनी सामरिक शक्ति को एक नई दिशा में मोड़ते हुए ‘अग्नि-5’ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का पारंपरिक (नॉन-न्यूक्लियर) संस्करण विकसित करना शुरू कर दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इस मिसाइल को 7500 किग्रा तक भारी बंकर बस्टर वारहेड के साथ तैयार कर रहा है।
ये बम 60 मीटर से अधिक गहराई तक प्रहार करने में सक्षम हैं। हालांकि, ईरान के फोदों न्यूक्लियर फैसिलिटी करीब 80 मीटर गहराई में बनी है, जो सामान्य बमों से अप्रभावित रहती है। भारत की मिसाइल ज्यादा गहराई तक करेगी वार डीआरडीओ की नई मिसाइल 80 से 100 मीटर तक जमीन के अंदर घुसकर हमला करने में सक्षम होगी, जो अमेरिका के जीबीयू-57 की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकती है। जहां जीबीयू-57 को भारी बमवर्षक विमानों द्वारा दागा जाता है, भारत का संस्करण मिसाइल आधारित होगा, यह अधिक तेज, सटीक और जोखिममुक्त रणनीति मानी जा रही है।
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आवाज से 8 गुना रफ्तार
अग्नि-5 बंकर बस्टर मिसाइल की रेंज 2500 किलोमीटर होगी और यह मैक 8 से मैक 20 की हाइपरसोनिक गति से वार कर सकेगी। यानि आवाज से 8 से 20 गुना तेज हमला करेगी। दो संस्करण विकसित किए जा रहे हैं। पहला ‘एयरबस्र्स्ट वर्जन’ वॉरहेड के साथ जो सतही लक्ष्य नष्ट करेगा। दूसरा ‘डीप पेनिट्रेशन’ वर्जन, जो भूमिगत बंकरों को भेदेगा। भारत इससे शत्रु देशों के भूमिगत कमांड सेंटर, मिसाइल साइलो और परमाणु भंडारण केंद्रों को लक्षित कर सकेगा।