केंद्र सरकार ने जम्मू के बाढ़ प्रभावित जिलों का विस्तृत जमीनी दौरा करने और हाल की बारिश से हुए नुकसान का वास्तविक आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम तैनात की है।
बुधवार रात को जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अंतर-मंत्रालयी टीम के प्रमुख एवं भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव कर्नल कीर्ति प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह जानकारी दी गई।
यह बैठक जम्मू क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान के पैमाने पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, अगले चार दिन में, अंतर-मंत्रालयी टीम जम्मू संभाग के जिलों में हुए नुकसान के वास्तविक पैमाने का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत जमीनी दौरा करेगी। इसके बाद यह भारत सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
केंद्रीय टीम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।
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सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने जम्मू में सड़क अवसंरचना को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। बीआरओ प्रमुख फिलहाल इस क्षेत्र में तीन दिवसीय दौरे पर हैं। यहां भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद दर्जनों सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इसमें कश्मीर के साथ सबसे महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग – राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है।
बीआरओ महानिदेशक ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का किया निरीक्षण
बीआरओ के एक प्रवक्ता ने कहा, लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बुधवार को संपर्क परियोजना के तहत बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया ताकि सड़क अवसंरचना को हुए नुकसान का आकलन किया जा सके और इसकी शीघ्र पुनर्स्थापना के उपायों की समीक्षा की जा सके। उन्होंने बीआरओ के जमीनी कार्यबल और कमांडिंग अफसरों को बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क अवसंरचना के पुनर्स्थापना कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि सतही संपर्क को शीघ्र बहाल किया जा सके। जम्मू क्षेत्र में नौ दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई तथा सैकड़ों मकानों और अन्य संरचनाओं के अलावा क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क और कृषि संबंधी अवसंरचनाओं को नुकसान पहुंचा है।
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बडगाम में झेलम नदी के उफान पर आने के बाद श्रीनगर में बाढ़ की चेतावनी
जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले के कई इलाके झेलम नदी के उफान पर आने से जलमग्न हो गए हैं, जिसके बाद श्रीनगर जिले के अधिकारियों ने संवेदनशील निचले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए परामर्श जारी किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रीनगर जिला प्रशासन ने बडगाम के शालिना में बाढ़ की सूचना दी है। एहतियात के तौर पर लासजन, सोइतेंग, नौगाम, व्येथपुरा, गोलपुरा, पादशाहीबाग और महजूरनगर के निवासियों को इन इलाकों को खाली करके सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है।’’
प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन ने इन इलाकों से निकाले गए लोगों की मदद के लिए राहत केंद्र स्थापित किए हैं। उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए जिला प्रशासन और एसएमसी (श्रीनगर नगर निगम) के नोडल अधिकारियों के अलावा इन राहत केंद्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय समितियों, मस्जिदों और स्थानीय राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों के माध्यम से इन क्षेत्रों में पहले ही घोषणाएं की जा चुकी हैं।’’ झेलम नदी के निचले इलाकों में स्थित घाटी के अन्य इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से जलस्तर कम होने के साथ बाढ़ की आशंका थोड़ी कम हुई है। हालांकि, दक्षिण कश्मीर के संगम और श्रीनगर के राम मुंशी बाग, दोनों जगहों पर झेलम नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।