राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। रिजिजू पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के कथित बयानों पर सदन को गुमराह करने का आरोप है। रमेश ने राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 188 के तहत नोटिस दिया। सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपे गए अपने नोटिस में कांग्रेस सदस्य ने कहा कि 24 मार्च को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद रिजिजू ने शिवकुमार द्वारा कथित तौर पर दिए गए कुछ “झूठे बयानों” का हवाला देकर सदन को खुलेआम गुमराह किया।
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रमेश ने दावा किया कि डीके शिवकुमार ने उनके द्वारा दिए गए बयानों को गलत और अपमानजनक प्रकृति का बताया है। इसलिए, किरेन रिजिजू द्वारा की गई टिप्पणी झूठी और भ्रामक है, जो विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है। रमेश ने अपने नोटिस में कहा कि यह अच्छी तरह स्थापित है कि सदन में झूठे और भ्रामक बयान देना विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है। उपरोक्त के मद्देनजर, मैं अनुरोध करता हूं कि इस मामले में किरण रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार कार्यवाही शुरू की जाए।
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रिजिजू ने सदन में कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता, जो संवैधानिक पद पर हैं, ने कहा है कि उनकी पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करेगी। हालांकि उन्होंने नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन जाहिर तौर पर उनका इशारा शिवकुमार की ओर था। मंत्री ने कहा, “हम इस बयान को हल्के में नहीं ले सकते।” उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी किसी साधारण पार्टी नेता की नहीं, बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति की ओर से आई है।