Monday, October 6, 2025
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जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री आनंद के बीच फोन पर बातचीत, आर्थिक संबंधों पर रहा जोर

विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने रविवार को पहली बार फोन पर बातचीत की। इस दौरान द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।

अनिता आनंद ने इस महीने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नए मंत्रिमंडल में कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। पिछले महीने हुए संसदीय चुनावों में कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी को उल्लेखनीय जीत मिली थी।
कार्नी की चुनावी जीत को भारत और कनाडा के बीच संबंधों को सुधारने के अवसर के रूप में देखा गया, जो जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान निम्न स्तर पर पहुंच गए थे।

जयशंकर ने बातचीत के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत-कनाडा संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा की। उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।’’
आनंद ने कहा कि जयशंकर के साथ उनकी ‘सार्थक चर्चा’ हुई।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘कनाडा-भारत संबंधों को मजबूत करने, हमारे आर्थिक सहयोग को प्रगाढ़ बनाने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर आज की उपयोगी चर्चा के लिए मंत्री डॉ. जयशंकर को धन्यवाद। मैं साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करती हूं।’’

ट्रूडो ने सितंबर 2023 में आरोप लगाया था कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता है जिसके बाद दोनों देशों के संबंध में तनाव पैदा हो गया था।

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था।
पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में दोनों देशों के बीच संबंधों में तब और कड़वाहटआ गई जब कनाडा ने वहां तैनात तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जोड़ दिया।

पिछले साल अक्टूबर में भारत ने वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था। भारत ने इसके साथ ही बराबर संख्या में कनाडाई राजनयिकों को भी दिल्ली से निष्कासित कर दिया था।

पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने फिर से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू की और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
ट्रूडो के इस्तीफे को द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के अवसर के रूप में देखा गया।

भारत ने ट्रूडो सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थक तत्वों को गतिविधियां चलाने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।
कनाडा की सत्ता से ट्रूडो की विदाई के बाद भारत ने कहा कि वह ‘‘पारस्परिक विश्वास और संवेदनशीलता’’ के आधार पर कनाडा के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने की आशा करता है।

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