महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में हो रहे मराठा आरक्षण आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की।
जरांगे 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई स्थित आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वह मराठा समुदाय को कुनबी दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके। कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आते हैं।
बैठक में मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप समिति के प्रमुख मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे भी उपस्थित थे। न्यायमूर्ति शिंदे हैदराबाद, सातारा और अन्य राजपत्रों के अनुसार कुनबी रिकॉर्ड की पड़ताल के लिए गठित समिति के प्रमुख हैं।
विखे पाटिल ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे का कानूनी रूप से टिकने वाला समाधान ढूंढ़ना चाहती है।
राज्य सरकार विभिन्न अदालती फैसलों पर विचार-विमर्श कर रही है, जिनमें कहा गया है कि मराठा सामाजिक रूप से पिछड़े नहीं हैं और उन्हें ‘कुनबी’ नहीं कहा जा सकता।